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भारत का भविष्य युवाओं के उद्यम और दृढ़ संकल्प पर निर्भर : रामनाथ कोविंद

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नई दिल्ली (मा.स.स.). भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नई दिल्ली में ‘माय होम इंडिया’ की ओर से आयोजित युवा सम्मेलन में हिस्सा लिया और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि युवा किसी भी देश का वर्तमान और भविष्य, दोनों होते हैं। उनकी प्रतिभा और क्षमता देश को गौरवान्वित करने में एक विशेष भूमिका निभाती है। इसे देखते हुए यह कहना उचित होगा कि आज के युवा, कल के इतिहास निर्माता हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम जानते हैं कि विश्व में किशोर और युवाओं की सबसे बड़ी जनसंख्या भारत में है। इसे ‘जनसांख्यिकीय लाभांश’ कहा जाता है, जो हमारे देश के लिए एक अवसर है। हमें इस अवसर का लाभ उठाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए। हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि हमारे युवा देश के विकास और प्रगति में अपना अधिकतम योगदान दे सकें। हमारे देश का भविष्य युवाओं के उद्यम और दृढ़ संकल्प पर निर्भर करता है।

कोविंद ने कहा कि यह हम सभी के लिए एक बड़े गर्व की बात है कि भारतीय युवाओं ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से कई स्टार्टअप की नींव रखी है। आज का युवा नौकरी मांगने नहीं, बल्कि रोजगार का सृजन करने की राह पर है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि युवा किसी तरह का कौशल प्राप्त करें और उस कौशल के आधार पर अपने करियर का चयन करें। आज का युग विशेषज्ञता का है। केवल तकनीक और विशेषज्ञता ही हमारे युवाओं को शीर्ष पर ले जा सकती हैं।

रामनाथ कोविंद ने बताया कि 29 जून 2022 तक भारत में 103 यूनिकॉर्न स्थापित किए गए हैं, जिनका कुल मूल्यांकन लगभग 336 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि आज विश्व में हर 10 में से 1 यूनिकॉर्न भारत में है। उन्होंने यह भी कहा कि मई 2022 तक पूरे विश्व में 47 कंपनियों ने डेकाकॉर्न का दर्जा प्राप्त किया है, जिसमें चार भारतीय स्टार्ट-अप हैं और उनमें से तीन का संचालन युवा कर रहे हैं। उन्होंने कोविड-19 के दौरान भी भारत में यूनिकॉर्न की संख्या में बढ़ोतरी का उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने कहा कि इस महामारी ने वैश्विक स्तर पर बड़ी सामाजिक-आर्थिक पीड़ा का कारण बना है, लेकिन इस दौरान भी हमारे युवा उद्यमियों ने साहस और प्रतिभा का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता बहुत प्राचीन है और प्राचीन काल से हमने विविधता में एकता के सिद्धांत को अपनाया है। भारत की भूमि हमेशा ही अपने आंचल में विभिन्न सभ्यताओं और परंपराओं को संवारती रही है। राष्ट्रपति ने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि ‘माय होम इंडिया’ अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखंडता की भावना का प्रसार कर रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं में राष्ट्रवाद को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए युवा सम्मेलन एक सराहनीय प्रयास है। इसके अलावा उन्होंने ‘वन इंडिया’ और ‘कर्मयोगी’ जैसे पुरस्कारों की स्थापना के लिए ‘माय होम इंडिया’ की सराहना की। उन्होंने बताया कि यह एनजीओ कई सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय है।

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