शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 06:53:28 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / कृषि हमारी परंपरा और हमारे जीने का तरीका है : जगदीप धनखड़

कृषि हमारी परंपरा और हमारे जीने का तरीका है : जगदीप धनखड़

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ ने आज रेखांकित किया कि कृषि हमेशा से भारतीय पहचान का केंद्र रही है और एक राष्ट्र के रूप में हम तभी समृद्ध हो सकते हैं जब हमारा कृषि क्षेत्र विकसित हो। आज चंडीगढ़ में सीआईआई एग्रो टेक-2022 के उद्घाटन के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्थिरता और खाद्य सुरक्षा साथ- साथ चलती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “स्थायी कृषि प्रथाओं के बिना दीर्घकालिक खाद्य सुरक्षा नहीं हो सकती है” ।

उपराष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद आज चंडीगढ़ के अपने पहले दौरे पर आए धनखड़ ने भारत में कृषि को एक परंपरा और जीवन शैली के रूप में वर्णित किया। कृषि के क्षेत्र में पिछले 75 वर्षों के दौरान की गई प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने आने वाले वर्षों में नई आवश्यकताओं और नई चुनौतियों के अनुसार हमारे देश कृषि को अनुकूलित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कहा कि “नवाचार कृषि विकास का प्रमुख चालक बनना चाहिए और हमारे किसानों को जलवायु परिवर्तन और कीमतों में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिलनी चाहिए।”

देश के किसानों के लिए स्थायी आय उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। यह उल्लेख करते हुए कि संयुक्त राष्ट्र ने सर्वसम्मति से 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, धनखड़ ने कहा कि भोजन की कमी, पानी की कमी और अभूतपूर्व जलवायु संकट का सामना करने वाली दुनिया में बाजरा की खेती पर ध्यान दिया जाना एक स्मार्ट समाधान के रूप में आता है ।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसल बीमा योजना और कुसुम योजना जैसे किसानों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न सकारात्मक कदमों को सूचीबद्ध करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसान भारत के विकास की रीढ़ हैं ; इसलिए उनकी चिंताओं को दूर पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। कृषि क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का अलग से समाधान किए जाने का आह्वान करते हुए उन्होंने अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच आपसी तालमेल बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया ।

उपराष्ट्रपति की धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सीआईआई एग्रो टेक इंडिया 2022 के अध्यक्ष संजीव पुरी, सीआईआई प्रतिनिधि, किसान, उद्योगपति व अन्य लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

उपराष्ट्रपति ने पंजाब विश्वविद्यालय की तीसरी वैश्विक पूर्व छात्र बैठक में भाग लिया

सीआईआई एग्रो टेक-2022 का उद्घाटन करने के बाद, उपराष्ट्रपति ने पंजाब विश्वविद्यालय की तीसरी वैश्विक पूर्व छात्र बैठक ( ग्लोबल एलुमनी मीट ) में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जहां उन्होंने अपने पूर्व छात्रों को अपने मातृ संस्थान (अल्मा मेटर) से मिली शिक्षा, ज्ञान एवं अनुभव को संस्थान के ही माध्यम से बड़े पैमाने पर समाज को वापस लौटाने के महत्व को रेखांकित किया।

नालंदा जैसे भारत के प्रसिद्ध प्राचीन संस्थानों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने शिक्षकों, छात्रों और पूर्व छात्रों को अतीत के उस गौरव को पुनः प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया। राजनीति, प्रशासन, विज्ञान, उद्योग और खेल के क्षेत्र में कई दिग्गजों को भेजने लिए पंजाब विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए धनखड़ चाहते थे कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में मदद करें जहाँ सभी छात्रों को अपनी पूरी क्षमता हासिल करने का अवसर मिले।

दूरदर्शी राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 की प्रशंसा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि यह भारत को अधिक समृद्धि के पथ पर अग्रसर करेगी। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, पंजाब के राज्यपाल, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश, पंजाब सरकार में शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर, प्रो. राजकुमार, कुलपति, पंजाब विश्वविद्यालय, संकाय, पूर्व छात्र और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस समारोह में उपस्थित थे।

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

भारत में रोजगार के संदर्भ में बदलना होगा अपना नजरिया

– प्रहलाद सबनानी भारतीय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की सदस्य सुश्री शमिका रवि द्वारा …