नई दिल्ली. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह पढ़ने के बाद ही हम ऑड ईवन पर फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 13 से 20 नवंबर के बीच ऑड ईवन लागू करने को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देंगे. इसके बाद ही हम ऑड ईवन लागू करने पर फैसला लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाली ऐप आधारित टैक्सी पर रोक लगा दी गई है.
गोपाल राय ने कहा कि कल सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण की स्थिति को लेकर यूपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब दिल्ली और केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी. कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित कई आदेश जारी किए. ऑर्डर का अध्ययन करने के बाद हमने उसे लागू करने के लिए संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की और कई निर्देश जारी किए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और दिल्ली कैबिनेट के फैसले के बाद लगवाए गए स्मॉग टावर को जिस तरह DPCC चेयरमैन द्वारा बंद कर दिया गया था, उसे फिर से चालू कराने और रियल टाइम स्टडी को फिर से चालू कराने के आदेश के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं. उन्होंने कहा कि मैं लगातार केंद्र से अपील कर रहा था कि संयुक्त रूप से काम करना चाहिए. दिल्ली में हम लगातार GRAP के नियमों को लागू कर रहे हैं. लेकिन हमारी पड़ोसी सरकारें जिस तरह चुप्पी साधकर बैठी हैं. मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब बैठकें होंगी और नियम लागू होंगे.
SC के आदेश को पढ़ने के बाद ही ऑड ईवन पर फैसला
गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रदुषण पर विस्तार से सुनवाई की है. हमने कोर्ट के आर्डर का अध्यन किया है. आज हमने संबंधित विभागों और मंत्रियों के साथ बैठक की है, जिसमें कई फैसले लिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने स्मॉग टावर को खोलने का निर्देश दिया जो डीपीसीसी के चेयरमैन ने बंद कर दिया था. इसके साथ ही रीयल टाइम स्टडी को भी शुरू करने के निर्देश दिए. इसके लिए मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं.
दिल्ली में पटाखे पर प्रतिबंध, बाकी राज्य भी करे ऐसा
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मैं लगातार मांग करता रहा हूं कि हमारे चारों तरफ के राज्यों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाए. BJP केवल बयानबाजी करके प्रदूषण को कंट्रोल करना चाहती है. मुझे लगता है कि पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर होगा. इस समय पता ही नहीं चल रहा है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय भी देश में है. NCR के राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि अलग-अलग फ़्यूल वाली गाड़ियों पर स्टिकर लगाया जाए. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली अकेला राज्य है जिसने ऐसा किया है.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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