जयपुर. सिरोही के पिंडवाड़ा पुलिस थाने में प्रभु राम गरासिया ने रिपोर्ट देते हुए कुछ लोगों के खिलाफ जनजाति समुदाय के लोगों को बहला-फुसला कर धर्मांतरण कर नक्सलवाद की तरफ धकेलने का आरोप लगाते हुए ठोस कार्रवाई की मांग की है। गरासिया ने दी रिपोर्ट में बताया कि वे जनजाति समाज में शिक्षा, चिकित्सा, स्वावलंबन और संस्कार को लेकर जागरूकता का काम करते हैं। सामाजिक कार्यक्रमों और जनजाति क्षेत्र में संपर्क के दौरान उनके सामने यह बात आई कि पिंडवाड़ा थाना क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में कुछ असामाजिक एवं संदिग्ध गतिविधियां दिनों दिन बढ़ रही हैं। जिसमें ईसाई मिशनरीज के माध्यम से जनजाति के कुछ महिला-पुरुषों को पैसे, कपड़े और चिकित्सा का लालच देकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है।
उन्होंने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरीज द्वारा आदिवासियों को गुमराह कर नक्सलवाद की ओर धकेला जा रहा है। 26 दिसंबर को उन्होंने श्रीनाथ होटल के पीछे बिनानी रोड के पास खेत में ऐसी संदिग्ध गतिविधि देखी थी। जहां खेत में टेंट और माइक लगाकर 200 से अधिक महिला-पुरुषों को दावत और अन्य चीजों का लालच देकर ईसाई मिशनरीज द्वारा धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा था। ईसाई मिशनरीज जनजाति समाज की मान्यताओं से समाज को अलग कर सामाजिक संघर्ष की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि समाज में सौहार्द एवं शांति बनी रहे। मामले में आबू पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया से जानकारी चाहने पर उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला वे तुरंत पिंडवाड़ा थाने पहुंचे और ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की।
यह था मामला
टेंट में लोगों के धर्मांतरण की बात पर मौके पर पहुंचे लोगों ने इसकी सूचना पिंडवाड़ा पुलिस को दी। सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को वहां पर मौजूद लोगों ने बाइबिल दिखाई। बाद में वहां मौजूद कुछ लोगों के कहने पर महिलाओं ने बाइबिल उन लोगों से छीन ली। इसकी सूचना विधायक समाराम गरासिया को भी दी गई। जिस पर भी 27 दिसंबर की सुबह पिंडवाड़ा थाने पहुंचे और पुलिस को ठोस कार्रवाई के लिए कहा।
साभार : दैनिक भास्कर
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