भुवनेश्वर. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सीटों में भले ही गिरावट हुई हो, लेकिन ओडिशा के रूप में पार्टी को नया किला जरूर मिल गया है. बीजेपी ने ओडिशा में न केवल लोकसभा सीटों के मामले में सूपड़ा साफ किया, बल्कि राज्य की विधानसभा में भी पहली बार परचम लहराते हुए सत्ता का तख्त हासिल किया. ओडिशा के तौर पर नए क्षेत्रीय किले का इस्तेमाल अब बीजेपी राष्ट्रीय राजनीति के समीकरण साधने के लिए भी कर सकती है या कर रही है.
दरअसल BJD नेता ममता मोहंता ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. ममता मोहंता के इस्तीफे को राज्यसभा चेयरमैन ने तुरंत मंजूर भी कर लिया है. ममता के इस कदम को बीजेपी के सियासी पेंतरे के तौर पर देखा जा रहा है. मोहंता 2020 में राज्यसभा सांसद बनीं थीं और उनका कार्यकाल 2026 में खत्म होना था, लेकिन उन्होंने दो साल पहले 2024 में ही इस्तीफा दे दिया. उनके इस कदम से सीधा फायदा बीजेपी को मिलना तय है.
ओडिशा सेट करेगा राज्यसभा में नंबर गेम!
ममता मोहंता के इस्तीफे से खाली होने वाली सीट पर अब चुनाव होंगे तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या के गणित से ये सीट बीजेपी के हाथ में जाएगी. ओडिशा से कुल 10 राज्यसभा सांसद हैं. राज्य की सत्ता में भले ही बीजेपी काबिज हो गई हो, लेकिन ओडिशा से बीजेपी के खाते में अभी सिर्फ एक ही राज्यसभा सांसद है बाकी पर बीजू जनता दल के नेता काबिज हैं. लेकिन अब जो चुनाव होंगे तो संख्याबल के आधार पर बीजेपी कई सांसदों को ओडिशा से राज्यसभा भेज सकेगी.
ऐसे में ममता मोहंता के इस्तीफे को ओडिशा में बीजेपी के खेला के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि वो आने वाले दिनों में बीजेपी का दामन भी थाम सकती हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर इस खेला की वजह क्या हो सकती है. दरअसल बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बहुमत का आंकड़ा पार न होने पर एनडीए के बूते सरकार बना ली है. अब लोकसभा में तो बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में सीटों के आधार पर पेच फंस रहा है.
समझें राज्यसभा में सीटों का समीकरण
राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 245 है, लेकिन मौजूदा सांसदों की संख्या 225, तो इस लिहाज से राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा हो जाता है 113. अब बात करें बीजेपी की तो पार्टी के पास राज्यसभा में कुल 86 सांसद हैं. एनडीए के सहयोगियों को मिला ले तों आंकड़ा पहुंच जाता है 101 पर. यानी बीजेपी राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े से बहुत पीछे है. बीजेपी को अगर राज्यसभा में भी बहुमत के आंकड़े के पास पहुंचना है तो ओडिशा से मिलने वाली सीटें बहुत महत्वपूर्ण बन जाती हैं. वहीं विपक्षी इंडिया खेमे की बात करें तो, उनके पास राज्यसभा में 87 सीट हैं. इनमें से कांग्रेस की 26, तृणमूल कांग्रेस की 13, 10-10 सीटें आम आदमी पार्टी और डीएमके की हैं, बाकी बची सीटें बाकी सहयोगियों की हैं. इंडिया और एनडीए गुट से इतर बची सीटें उन दलों की हैं, जिन्होंने इन दोनों ही गठबंधनों से हाथ नहीं मिलाया है.
YSR कांग्रेस ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन!
हालांकि आने वाले दिनों में संभावनाएं हैं कि आंध्र प्रदेश की YSR कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथ आ सकती है. 11 सांसदों वाली ये पार्टी अगर इंडिया गठबंधन के साथ जुड़ी तो विपक्षी गुट राज्यसभा में काफी मजबूत हो जाएगा. इस कदम के काउंटर में बीजेपी पहले से ही तैयार हो गई है और राज्यसभा में भी नंबर गेम बनाने की जुगत में लगी है.
साभार : एबीपी न्यूज़
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