लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां को एक और मुकदमे में राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है। आजम खां पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े थे। वह सपा-बसपा गठबंधन सीट से प्रत्याशी थे। 23 अप्रैल को मतदान हुआ था। आजम खां अपना वोट डालने राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बने मतदान केंद्र पर गए थे।
कार को कॉलेज के अंदर ले जाने का था आरोप
नियमानुसार वाहन मतदान केंद्र से 200 मीटर दूर खड़ा करना था। आरोप है कि आजम खां अपनी कार को कॉलेज के अंदर तक ले गए थे। इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए तत्कालीन स्टेटिक मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश तिवारी ने आजम खां के विरुद्ध गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। इस मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही थी।
वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ दर्ज हुए थे मुकदमे
गौरतलब है कि आजम खां के खिलाफ वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें ज्यादातर मुकदमे न्यायालय में चल रहे हैं। 11 मुकदमों में फैसला आ चुका है। इनमें छह मामलों में उन्हें सजा हुई है, जबकि पांच मामलों में वह बरी हुए हैं।
साभार : दैनिक जागरण
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