नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा में वक्फ बिल पर वोटिंग के दौरान गैरहाजिर रहने वाले अपने सांसदों से जवाब मांगा है. पार्टी ने सभी सांसदों को व्हिप जारी करते हुए निर्देश दिया था कि वे सदन में मौजूद रहें और वोटिंग में हिस्सा लें, लेकिन इसके बावजूद कुछ सांसद वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहे. बीजेपी ने तीन लाइन का व्हिप जारी किया था, जिसमें सांसदों से कहा गया था कि वे इस महत्वपूर्ण विधेयक पर मतदान के दौरान सदन में उपस्थित रहें. सूत्रों के मुताबिक इसके बावजूद, पार्टी के कुछ सांसदों ने अनुपस्थिति दर्ज की, जिनमें एक महिला सांसद और एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल थे.
सूत्रों को मुताबिक, वोटिंग के समय लोकसभा में अनुपस्थित केंद्रीय मंत्री ने अपनी अनुपस्थिति का कारण बताते हुए पार्टी को बताया कि उनकी तबियत ठीक नहीं थी. वहीं, महिला सांसद ने जो कारण प्रस्तुत किया, वह पार्टी के लिए संतोषजनक नहीं था. अब बीजेपी पार्टी इन सांसदों से स्पष्टीकरण मांग रही है और इस मामले में आगे की कार्रवाई पर विचार कर रही है. यह घटनाक्रम पार्टी के आंतरिक अनुशासन को लेकर सवाल उठाता है, और इसे लेकर बीजेपी में चर्चा तेज हो गई है.
कौन-कौन रहा अनुपस्थित?
सूत्रों के मुताबिक, वक्फ संशोधन विधेयक पर वोटिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम और सांसद अपराजिता सारंगी कल गैरहाजिर थी. इसके अलावा एक TDP के सांसद भी गैरहाजिर रहे. जिसके बाद बीजेपी ने अपने दोनों लोकसभा सदस्यों से गैरहाजिर रहने पर जवाब तलब किया है. अब देखना है कि ये नेता पार्टी हाईकमान को क्या जवाब देते हैं और अपनी उपस्थिति को कितना सही ठहरा पाते हैं.
व्हिप जारी करना का मतलब होता है कि किसी राजनीतिक पार्टी के नेता या पार्टी का संगठन अपने सांसदों या विधायकों को कोई विशेष निर्देश देते हैं कि वे किसी खास मुद्दे या वोटिंग में पार्टी के रुख के अनुसार मतदान करें. व्हिप एक तरह का आदेश या निर्देश होता है, जो पार्टी की रणनीति के अनुसार दिया जाता है. यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किया जाता है कि पार्टी के सभी सदस्य किसी खास विधेयक या प्रस्ताव पर पार्टी के पक्ष में वोट करें और सदन में मौजूद रहे. व्हिप जारी करने का उद्देश्य यह होता है कि पार्टी के सदस्य अपनी व्यक्तिगत राय को अलग रखकर पार्टी की लाइन के अनुसार वोट करें, ताकि पार्टी के लिए महत्वपूर्ण फैसलों में मतदान में कोई असहमति या बिखराव न हो.
व्हिप के प्रकार:
तीन लाइन व्हिप (Three-line whip): यह सबसे कड़ा व्हिप माना जाता है. इसके तहत पार्टी अपने सांसदों या विधायकों को यह निर्देश देती है कि वे सदन में मौजूद रहें और पार्टी के पक्ष में वोट करें. इसके उल्लंघन पर पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है.
दो लाइन व्हिप (Two-line whip): इस प्रकार के व्हिप में पार्टी सांसदों से यह अपेक्षा करती है कि वे सदन में उपस्थित रहें और मतदान में भाग लें, लेकिन यह उतना कठोर नहीं होता.
एक लाइन व्हिप (One-line whip): यह एक हल्का निर्देश होता है, जिसमें पार्टी अपने सांसदों से केवल उपस्थित रहने या वोटिंग में भाग लेने का अनुरोध करती है, बिना कड़े आदेश के.
व्हिप का पालन न करने पर पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है, जैसे कि सांसद को पार्टी से निलंबित करना या उन्हें पार्टी के वोटिंग में शामिल न होने के कारण सजा देना. किसी भी कार्रवाई से पहले पार्टी की ओर से ऐसे नेताओं को नोटिस जारी किया जाता है और उनसे जवाब मांगा जाता है. इसके बाद पार्टी अगर जवाब से संतुष्ट होती तो ठीक वरना अलग-अलग तरह के एक्शन भी होते हैं.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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