चंडीगढ़ (मा.स.स.). चौधरी छोटू राम ने अपने क़लेज की शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाई की। इसकी स्थापना 1881 में की गई थी। अब उसी सेंट कॉलेज का प्रबंधन देखने वाली दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी हरियाणा के सोनीपत में सेंट स्टीफंस कैम्ब्रिज स्कूल खोलने जा रही है। दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी को कैम्ब्रिज मिशन भी कहा जाता है। सेंट स्टीफंस कैम्ब्रिज स्कूल की शुरूआत अगले साल के शिक्षा सत्र से हो जाएगी। अपने 141 सालों के सफर में दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी ने सेंट स्टीफंस कॉलेज के अलावा सेंट स्टीफंस अस्पताल भी स्थापित भी किए। इन दोनों ने श्रेष्ठ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी से जुड़े हुए शिक्षाविद् फादर ज़ॉर्ज सोलोमन ने बताया कि सेंट स्टीफंस कैम्ब्रिज स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। यह को- एजुकेशन स्कूल होगा। मतलब इसमें लड़के-लड़कियां साथ-साथ पढ़ सकेंगे। यहां पर पहली से 12 वीं कक्षा तक की कक्षाएं लगेंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा का समाज सेंट स्टीफंस कॉलेज को अच्छी तरह से जानता है, क्योंकि इसमें दीनबंधु छोटू राम जी पढ़े थे। हरियाणा के समाज को खुशी होगी कि अब उनके अपने राज्य में सेंट स्टीफंस कैम्ब्रिज स्कूल शुरू हो रहा है। दिल्ली में ब्रदरहुड ऑफ दि एसेंनडेंड क्राइस्ट की स्थापना सन 1877 में हुई थी। दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी राजधानी में वोकेशलन ट्रेनिंग इस्टीच्यूट, सेक्स वर्कर्स के बच्चों को पौष्टिक आहार तथा पुस्तकें देने के काम के अलावा नरेला में कुष्ठ रोगियों का एक केन्द्र भी चलाती है।
ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय और उनकी हाल ही में दिवंगत हुईं एलिजाबेथ अपनी राजधानी की यात्राओं के समय ब्रदरहुड हाउस और इसके केन्द्रों को देखने भी गए। किंग चार्ल्स 1997 में दिल्ली गए थे। वे तब दिलशाद गार्डन के करीब ताहिरपुर में दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी के सेंट जॉन वोकेशनल सेंटर पहुंचे थे। यहां पर समाज के कमजोर तबकों से जुड़े सैकड़ों नौजवानों के लिए एयरकंडीशनिंग, मोटर मैक्निक, ब्यूटिशियन, कारपेंटर, टेलरिंग वगैरह के कोर्स चलाए जाते हैं। दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी के अहम हस्ताक्षरों में गांधी जी के परम सहयोगी दीनबंधु सी.एफ. एंड्रयूज रहे हैं। उन्होंने सेंट कॉलेज में पढ़ाया भी था। उन्होंने 1904 से 1914 तक सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाया। वे दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी से 1916 में मिले थे। उसके बाद दोनों घनिष्ठ मित्र बने। उन्हीं के प्रयासों से ही गांधी जी पहली बार 12 अप्रैल-15 अप्रैल, 1915 को दिल्ली आए और सेंट स्टीफंस कॉलेज में रूके थे। गांधीजी को अपना आदर्श मानने वाली दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी की चाहत है कि वे अगले साल गांधी जयंती का कार्यक्रम अपने सेंट स्टीफंस स्कूल में मनाएं।
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