पुडुचेरी (मा.स.स.). पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपी और पीडब्ल्यू) ने पुडुचेरी में पेंशनभोगी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। महामारी के बाद देश के दक्षिणी क्षेत्र को समाविष्ट करने वाला यह पहला फिजिकल कार्यक्रम है। चेन्नई और पुडुचेरी के पेंशनभोगी संघों के सहयोग से इस कार्यक्रम में चेन्नई और पुडुचेरी के 300 से अधिक पेंशनभोगियों ने भाग लिया।
डीओपी और पीडब्ल्यू के अधिकारियों की एक टीम ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को पेंशन/पारिवारिक पेंशन मंजूरी के संबंध में पेंशन नीति में सुधार और डिजिटलीकरण पर सत्र लिया। इसका उद्देश्य सरकार की “जीवन को सुगम बनाने” की पहल के तहत किए गए परिवर्तनों से पेंशनभोगियों को अवगत कराना है। पेंशनभोगियों से संबंधित आयकर मामलों के साथ-साथ वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के डिजिटल तरीकों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य केन्द्र सरकार के पेंशनभोगियों के बीच पेंशन पात्रता और प्रक्रियाओं के विभिन्न नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता फैलाना है और साथ ही नीति और प्रक्रियाओं में विभिन्न संशोधनों के माध्यम से समय-समय पर होने वाले परिवर्तनों से पेंशनभोगियों को अवगत कराना है। ऐसे कार्यक्रम पेंशनभोगियों के लिए पेंशन नीति के जानकारी के तंत्र के रूप में भी काम करते हैं।
कार्यक्रम में संयुक्त सचिव (डीओपी और पीडब्ल्यू) एस एन माथुर, सीसी (पी)-सीपीएओ भूपाल नंदा, निदेशक रुचिर मित्तल, निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार ने भाग लिया। संयुक्त सचिव (डीओपी और पीडब्ल्यू) एस एन माथुर ने पेंशनभोगियों के जीवन में आसानी को बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी। डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की शुरूआत 2014 में की गई थी, जो आधार पर आधारित बायो-मीट्रिक उपकरणों, भारतीय डाक भुगतान बैंक के 1,90,000 ग्रामीण डाक सेवकों और बैंकों द्वारा दरवाजे पर बैंकिंग के माध्यम से उपलब्ध है।
चेहरे का सत्यापन तकनीक नवम्बर, 2021 में शुरू की गई थी, जो पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाणन देने के तरीके में बदलाव लाएगी। मुख्य नियंत्रक (पेंशन), सीपीएओ, एमओएफ ने पेंशनभोगियों की आम शिकायतों, उनके निवारण के तरीकों के साथ-साथ पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने के लिए सीपीएओ द्वारा की गई नई पहलों के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए पेंशनभोगियों को संबोधित किया। सीजीएचएस के एक प्रतिनिधि ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया और पेंशनभोगियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों पर जानकारी प्रदान की।
पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों के “जीवन को सुगम” बनाने की सुविधा को बढ़ाने के लिए, भारत सरकार ने पेंशन नीति के साथ-साथ पेंशन संबंधी प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण में बड़ी संख्या में कल्याणकारी उपाय किए हैं। पिछले 50 वर्षों के दौरान पेंशन नियमों में अनेक संशोधन किए गए हैं और अनेक स्पष्टीकरण आदेश/ निर्देश जारी किए गए हैं। इन्हें संकलित किया गया है और दिसम्बर, 2021 में केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के रूप में लाया गया।
यह भी पढ़ें : 1 जुलाई 2022 से नहीं चलेगी एकल उपयोग वाली प्लास्टिक, लगा पूर्ण प्रतिबंध