टोरंटो. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक बार फिर भारत की भावना को आहत करने कोशिश की है. इस बार उन्होंने भारत के पवित्र चिन्ह स्वस्तिक पर निशाना साधा है. उन्होंने स्वस्तिक चिह्न को नफरत फैलाने वाला चिह्न बताया है. उन्होंने हाल में कनाडा की राजधानी में आयोजित फिलिस्तीन समर्थक रैली में पार्लियामेंट हिल पर स्वस्तिक चिह्न दिखाने पर आलोचना की है.
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने ऑफिशियल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जब हम किसी भी घृणित भाषा और चिन्ह को देखते या सुनते हैं तो हमें इसकी निंदा करनी चाहिए. पार्लियामेंट हिल पर किसी व्यक्ति की तरफ से स्वस्तिक का प्रदर्शन करना मान्य नहीं है. कनाडाई लोगों को शांतिपूर्वक रैली करने का अधिकार है, लेकिन हम यहूदी विरोधी भावना, इस्लामोफोबिया या किसी भी अन्य तरह की नफरत फैलाने वाले चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते.
स्वस्तिक चिह्न को बैन लगाने वाला विधेयक
आपको बता दें कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो स्वस्तिक चिह्न को बैन लगाने वाला एक विधेयक भी ला चुकी है. हालांकि, वो अभी तक पास नहीं हुआ है. इस तरह से कनाडा की सरकार हिंदू धर्म के आस्था के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रही है. साल 2022 में कनाडा सरकार ने हेटफुल चिह्न पर बिल लाने की कोशिश की थी, जिसके अंतर्गत नफरत को बढ़ावा देने वाले चिन्ह पर बैन लगाने की तैयारी थी.
इस बिल में हिंदू आस्था का प्रतीक माने जाने वाला स्वस्तिक भी शामिल था. आपको बता दें कि स्वस्तिक का नफरत से कोई लेना-देना नहीं है. ये हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाने वाला पवित्र चिह्न है. किसी भी शुभ काम में इस चिन्ह को पवित्रता का प्रतीक मान कर घर या मकानों पर बनाया जाता है. इसमें चार बिंदु होते, जो अलग-अलग तरह से अच्छे और शुभ संकेतों का प्रतीक माना जाता है.
भारत की आस्था को धूमिल करने की कोशिश
आपको बता दें कि बीते कुछ सालों से पश्चिमी देश स्वस्तिक चिह्न को जर्मनी के तानाशाह हिटलर की सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले नाजी चिन्ह से जोड़कर देखते हैं. हालांकि, स्वस्तिक चिह्न का नाजी चिह्न से कोई वास्ता नहीं है. दोनों में कई तरह के अंतर है. एक तरफ जहां नाजी चिह्न 45 डिग्री झुकी हुई है, वहीं दूसरी तरफ स्वस्तिक में ऐसी कोई समानता नहीं है. कनाडा इस तरह से हिंदुओं के आस्था को धूमिल करने की नीची हरकत कर रहा है. हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था. लेकिन भारत ने इन आरोपों को बेतुका करार दिया था.
साभार : एबीपी न्यूज़
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं