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कल भी भारत में रुकेंगे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस, स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप काउंसिल में लेंगे भाग

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नई दिल्ली. सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 9-10 सितंबर को जी 20 समिट में शामिल होने के बाद 11 सितंबर को भी भारत में अपना स्टेट विजिट जारी रखेंगे। पहले भारत और सऊदी अरब के संबंध तेल के इर्द गिर्द ही रहे थे लेकिन पिछले कुछ सालों में यह सामरिक सहयोग की तरफ बढ़े हैं। सऊदी अरब और भारत के मजबूत होते सामरिक रिश्ते सिर्फ साउथ एशिया के लिहाज से ही नहीं बल्कि पूरे परशियन-गल्फ के लिहाज से अहम हैं।

सेंटर फॉर इंडिया वेस्ट एशिया डायलॉग के निदेशक अनस ओमैर कहते हैं कि कोल्ड वॉर के वक्त सऊदी अरब पाकिस्तान के काफी करीब था लेकिन 2006 में हुई दिल्ली समिट के बाद भारत और सऊदी अरब के बीच सामरिक भागीदारी शुरू हुई। दोनों देशों के रिश्ते का महत्व सिर्फ साउथ एशिया के परिपेक्ष्य में ही नहीं बल्कि परशियन गल्फ के परिपेक्ष्य में भी है। चीन और सऊदी अरब की दोस्ती ठीक ठाक रही है। सऊदी अरब चाहता है कि चीन और अमेरिका जैसे बड़े देशों पर उसकी निर्भरता ना बने। ऐसे में उसे ऐसे देश की जरूरत है जो उसकी जरूरतें पूरी कर सकता है।

भारत एक अच्छा बैलेंसिंग कंट्री है। भारत के करीब 15-16 लाख लोग सऊदी अरब में काम करते हैं तो ये रिश्ता एक अलग स्तर का भी है। यह लोगों से जुड़ा है। अनस कहते हैं कि हालांकि फिलिस्तीन, अरब, इजरायल का कॉन्फ्लिक्ट दूर होना अभी बाकी है। अगर ये पीस प्रक्रिया नहीं होती है तो सऊदी अरब और इजरायल की टेंशन कभी भी उभर कर आ सकती है। अगर भारत सऊदी अरब और इजराल के बीच में संबंध सामान्य बनाने में भूमिका निभाता है तो पूरे परशियन गल्फ क्षेत्र में भारत से बड़ी कोई शक्ति नहीं होगी।

सऊदी अरब प्रिंस का यह दूसरा भारत विजिट है। अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब गए थे तब दोनों देशों ने स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप काउंसिल (सामरिक सहयोग परिषद) बनाई थी। 11 सितंबर को सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे साथ ही स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप काउंसिल की पहली लीडर्स मीटिंग को-चेयर भी करेंगे। वे काउंसिल की दो कमिटी- पॉलिटिकल, सिक्योरिटी, सोशल और कल्चरल कोओपरेशन और इकॉनमी और इन्वेस्टमेंट कोओपरेशन कमिटी के तहत क्या प्रगति हुई है उसकी समीक्षा भी करेंगे। द्विपक्षीय बातचीत में दोनों देशों के प्रमुख राजनीति से लेकर सुरक्षा, डिफेंस से लेकर ट्रेड और इकॉनमी से लेकर कल्चर तक के संबंधों पर बात करेंगे। दोनों देश उन रीजनल और इंटरनैशनल मुद्दों पर भी बात करेंगे जो दोनों देशों के म्युचुअल इंटरेस्ट के हैं।

इसी साल फरवरी में इंडियन एयरफोर्स के विमानों ने पहली बार सऊदी अरब की धरती पर लैंड किया है। एयरफोर्स के 8 विमान रॉयल सऊदी वायु सेना के एक एयरबेस पर उतरे। इसे एक ‘फ्रेंडली’ स्टॉपओवर बताया गया। वहां विमानों में ईंधन भरा गया और मेंटीनेंस की जांच की गई। पिछले साल फरवरी में सऊदी अरब के सेना प्रमुख भारत दौरे पर आए। यह किसी सऊदी अरब सेना प्रमुख का पहला भारत दौरा था। इससे पहले 2020 में तत्कालीन इंडियन आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे सऊदी अरब गए थे। यह किसी भी इंडियन आर्मी चीफ का पहला सऊदी अरब दौरा था। दोनों देशों के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास भी बढ़ा है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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