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एक ही घर में हुआ सगी बहनों का हुआ निकाह, दोनों पतियों ने दिया तीन तलाक

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लखनऊ. दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर सगी बहनों को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया गया। सुलह के प्रयास करने पर अपशब्द कहे गए। परिवार बचाने के सारे प्रयास विफल होने पर पीड़िताओं ने मड़ियांव कोतवाली में दहेज प्रताड़ना और मुस्लिम महिला विवाह सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। मड़ियांव रहीमनगर डुडौली निवासी 30 वर्षीय युवती का निकाह 4 मई 2020 में हसनगंज खदरा निवासी मो. अरमान से हुआ। रुख्सत होकर ससुराल पहुंचने के चार दिन बाद ही युवती की बहन का निकाह देवर गुलफाम से हो गया।

एक ही परिवार में आकर सगी बहनें जेठानी-देवरानी बन गईं। शुरुआत के कुछ महीने सब ठीक चलता रहा। निकाह के वक्त अरमान और गुलफाम के व्यापार करने की जानकारी दी गई। लेकिन दोनों लोग घर से बाहर ही नहीं जाते थे। इस बीच घर में अन्जान लोगों को आना-जाना बढ़ गया। पूछताछ करने पर पति दोस्त होने की बात कह कर टाल देते। समय गुजरने के साथ पता चला कि अरमान और गुलफाम सट्टा खिलवाते हैं। यही उनकी आमदनी का जरिया है। पतियों की करतूत सामने आने पर सगी बहनें हतप्रभ रह गईं। आरोप है कि अरमान और गुलफाम के साथ उनकी बड़ी बहन भी सट्टे के कारोबार में शामिल थी।

पीड़िता के मुताबिक रमजान के वक्त अरमान और गुलफाम को सट्टे में घाटा हो गया। ऐसे में दैनिक जरुरत पूरी करने के लिए सगी बहनें मां पर आसरित हो गईं। आरोप है कि घाटे से उबरने के लिए अरमान और गुलफाम ने पत्नियों पर मायके से दहेज लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। जिसमें आरोपियों की बड़ी बहन भी शामिल थी। मायके की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कहने पर उन्हें धमकाया गया। इस बीच सगी बहनों की मां की तबीयत बिगड़ गई। मां की तीमारदारी के बहनें घर पहुंची। तभी अरमान और गुलफाम भी ससुराल आ गए। जिन्होंने दहेज की मांग करना शुरू कर दिया। पीड़िताओं के मुताबिक 19 जून 2022 को अरमान और गुलफाम ने पत्नियों को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। करीब एक साल से सुलह के प्रयास कर रही सगी बहनों को सफलता नहीं मिली। जिसके बाद महिलाओं ने मड़ियांव कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

साभार : हिंदुस्तान

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