जिनेवा. स्विट्जरलैंड के जिनेवा में 76वीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की सभा (डब्ल्यूएचओ) की शुरुआत हुई है। इसमें जीवन बचाने, सभी के लिए स्वास्थ्य चलाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह साल डब्ल्यूएचओ की 75वीं वर्षगांठ है। 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इसी सम्मेलन में संगठन के मुखिया टेडरॉस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा हे कि अभी से ही अगली महामारी की तैयारी शुरू करनी होगी। उनकी मानें तो अगर यह अभी नहीं हुआ तो फिर कभी नहीं हो पाएगा।
महामारी रोकने पर जोर
विश्व स्वास्थ्य संगठन देशों के सुधार, वित्तपोषण को बढ़ावा देने और अगली महामारी की तैयारी के लिए जोर दे रहा है। कोविड-19 पर जारी डब्लूएचओ की तरफ से पिछले ही दिनों आपातकालीन स्थिति को खत्म किया गया है और कहा गया है कि अब यह महामारी नहीं है। घेब्रेयेसस ने कहा, ‘अगर हम वे परिवर्तन नहीं करेंगे जो किए जाने हैं, तो कौन करेगा? अगर अभी बदलाव नहीं हुए तो फिर कब होंगे?’ उनका कहना था कि यह अगली महामारी को रोकने के लिए पहले से ही बातचीत करने और तैयारियों को आगे बढ़ाने का सही समय है।
इस पीढ़ी ने किया अनुभव
उन्होंने कहा, ‘हम इसे सड़क पर नहीं ला सकते हैं।’ टेडरॉस ने कहा, ‘इस पीढ़ी की महामारी के लिए प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह पीढ़ी है जिसने अनुभव किया कि एक छोटा सा वायरस कितना भयानक हो सकता है।’ उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्रेयसस ने उन प्रमुख उपलब्धियों को याद किया, जिन्हें संगठन ने 75 वर्षों के दौरान हासिल किया है। ट्रेडोस ने कहा कि संगठन जटिल चुनौतियों का सामना कर रहा है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन से दुनिया की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं।
क्या बोले UN मुखिया
इस सभा के दौरान पिछले साल की प्रगति, उपलब्धियों और चुनौतियों के साथ-साथ संगठन के काम के अहम स्तंभों में भविष्य की प्राथमिकताओं की समीक्षा की जाएगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने विधानसभा के उद्घाटन समारोह में कहा, शांति स्वास्थ्य पर निर्भर करती है, एक देश में बीमारी सभी को खतरे में डालती है, इसलिए स्वास्थ्य की बेहतरी पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक जीवन प्रत्याशा 50 प्रतिशत से अधिक है, शिशु मृत्यु दर 60 प्रतिशत कम है, और चेचक को खत्म किया जा चुका है। गुटेरेस ने कहा, कोविड-19 महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य में प्रगति को रोक दिया है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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