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पर्यटन मंत्रालय ने “मिशन मोड में पर्यटन” को बढ़ावा देने के लिए चिंतन शिविर का आयोजन किया

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नई दिल्ली (मा.स.स.). पर्यटन मंत्रालय ने 28 मार्च और 29 मार्च को नई दिल्ली में “मिशन मोड में पर्यटन”को बढ़ावा देने के लिए विचार-विमर्श, चिंतन और रणनीति तैयार करने के लिए, दो-दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया, जिसमें सभी राज्यों, उद्योग संघों और उद्योग जगत के दिग्गजों ने भाग लिया। पहले दिन की चर्चा का एजेंडा पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी द्वारा निर्धारित किया गया था। उन्होंने सामाजिक-आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और देश के लिए सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक इंजन के रूप में पर्यटन का लाभ उठाने के लिए सरकार के दृष्टिकोण के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि भारत के पर्यटन के भविष्य के लिए एक साझा दृष्टिकोण को प्रचारित करने का यह सबसे उपयुक्त क्षण है, जो भारत को सबसे अधिक मांग वाला पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए अगले 25 वर्षों तक यानी 2047 में भारत की स्वतंत्रता के 100 साल पूरा होने तक इसका मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने पर्यटन को मिशन मोड में विकसित करने के तीन प्रमुख स्तंभों – राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी कार्यक्रमों का सम्मिश्रण और सार्वजनिक-निजी भागीदारी की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि राज्यों को उनकी पर्यटन क्षमता विकसित करने में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक प्रमुख कदम राष्ट्रीय रणनीति और मॉडल विकसित करना होगा। मंत्रालय ने हाल ही में ग्रामीण पर्यटन, साहसिक पर्यटन, एमआईसीई पर्यटन, इकोटूरिज्म, चिकित्सा पर्यटन, सतत पर्यटन जैसे विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों के विकास के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है।

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह ने कहा कि दो-दिवसीय चिंतन शिविर सभी हितधारकों को पर्यटन के लाभों को जमीनी स्तर तक ले जाने के उद्देश्य से यात्रा क्षेत्र, पर्यटन में स्थिरता और जिम्मेदार यात्रा और देश भर में अपनाई जाने वाले अच्छे तौर- तरीकों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा और उपयोगी बातचीत करने तकनीकी समाधानों से जुड़े अद्वितीय विचारों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। चर्चा के पहले दिन के एजेंडे को अतुल्य भारत@100 पर विचार-विमर्श पर केंद्रित 6 सत्रों – केंद्र सरकार, राज्यों और उद्योग के साझा दृष्टिकोण, नीति का मानकीकरण और कारोबारी सुगमता, निवेश योग्य परियोजनाएं और सार्वजनिक-निजी भागीदारी, विश्व स्तर पर सर्वोत्तम तौर-तरीके और विश्व पर्यटन संगठन द्वारा पर्यटन निवेश के लिए क्षमता निर्माण, एमआईसीई पर्यटन और शादी पर्यटन का विकास और पर्यटन क्षेत्र में नवाचार और डिजिटलीकरण और स्टार्टअप में विभाजित किया गया था।

प्रमुख वक्ताओं में उद्योगजगत के हितधारक, जैसे- फेथ (एफएआईटीएच), इंडिया कन्वेंशन प्रमोशन ब्यूरो (आईसीपीबी) के साथ-साथ विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल थे। यूएनडब्ल्यूटीओ ने संगठनात्मक, आकर्षण और संवर्धन रणनीति पर विश्व पर्यटन संगठन के ढांचे के माध्यम से एक पर्यटन निवेश रणनीति (टीआईएस) के विकास पर चर्चा की, जो पर्यटन उद्योग के विकास, और वित्तपोषण विकल्पों की उपलब्धता के लिए स्थानीय कारोबारी माहौल, क्षमता जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक निवेश रणनीति विकसित करने के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करेगा। राजस्थान राज्य ने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने के साथ-साथ इससे उद्योग को होने वाले लाभों पर एक व्यापक प्रस्तुति दी।

महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए निवेश योग्य परियोजनाओं का प्रदर्शन किया। केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप द्वीप समूह ने भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी के सफल मामले के अध्ययन को साझा किया। एमआईसीई क्षेत्र के साथ-साथ वेडिंग डेस्टिनेशन क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए, देश में एमआईसीई पर्यटन और वेडिंग डेस्टिनेशन पर्यटन के विकास के लिए विभिन्न नीतियों, पहलों और रणनीतियों पर विचार- विमर्श करने के लिए दो विशिष्ट खंडों पर एक अलग सत्र रखा गया था। माइस टूरिज्म सीजन के गंतव्य के लिए उच्च राजस्व और साल भर का कारोबार तैयार होता है। उसी समय, माइस को अपने स्वयं के इकोसिस्टम की आवश्यकता होती है, इससे पहले कि कोई गंतव्य एक माइस गंतव्य के रूप में सफल हो सके। भारत में वेडिंग डेस्टिनेशन भी तेजी से उभरता हुआ सेगमेंट है।

तेलंगाना राज्य ने प्रदर्शित किया कि किस प्रकार तेलंगाना राज्य में एमआईसीई पर्यटन को समर्पित हैदराबाद कन्वेंशन विजिटर्स ब्यूरो के माध्यम से विकसित और प्रचारित किया जा रहा है। आयोजन के दौरान, पर्यटन मंत्रालय ने राज्यों को स्वदेश दर्शन योजना के तहत छह प्रमुख श्रेणियों में उनके द्वारा अपनाये जाने वाले सर्वोत्तम तौर-तरीकों को चिन्हित करने के लिए सम्मानित किया। सरकार ने हाल ही में राज्यों की सक्रिय भागीदारी और सरकारी योजनाओं और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के सम्मिश्रण के साथ मिशन मोड में पर्यटन क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने की घोषणा की है।

भारत की जी-20 अध्यक्षता की एक पहल के रूप में, पर्यटन मंत्रालय 17-19 मई, 2023 को पहले वैश्विक पर्यटन निवेशक शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। यह चिंतन शिविर प्रथम ग्लोबल टूरिज्म इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के लिए रणनीतियों और तैयारियों पर विचार- विमर्श करने का अवसर भी प्रदान करेगा।

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