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भारत की आपत्ति को दरकिनार कर इजरायल ने फिर किया संयुक्त राष्ट्र की पोस्ट पर हमला

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गाजा. इजरायल और लेबनान में जारी लड़ाई के बीच ईरान ने अरब देशों और मिडिल ईस्ट में अमेरिका के सहयोगियों के लिए चेतावनी जारी की है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, ईरान ने डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए यह धमकी दी है। ईरान ने कहा कि अगर किसी भी देश ने इजरायल को उस पर हमला करने में मदद की या अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल करने दिया, तो उसे खामियाजा भुगतना होगा। दरअसल, ईरान ने 1 अक्टूबर को इजरायल पर 180 मिसाइलों से हमला कर दिया था। इसके बाद से इजरायल पलटवार की तैयारी कर रहा है।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई है कि इजरायल ईरान के तेल भंडारों या परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है। इधर इजरायल ने 48 घंटे में दूसरी बार लेबनान में UN पीस कीपिंग फोर्स (UNIFIL) पर हमला किया है। अलजजीरा के मुताबिक, शुक्रवार को UNIFIL ने हमले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इजरायल ने नाकोरा शहर में उसके हेडक्वार्टर पर धमाके किए। 2 पीसकीपर्स घायल हो गए। ये दोनों श्रीलंका के नागरिक हैं। इजरायल बोला- हमले से पहले UN पीसकीपर्स को वॉर्निंग दी थी हमले के बाद इजरायल ने कहा कि सेना को इस इलाके में खतरे की जानकारी मिली थी। अटैक से पहले UN कर्मचारियों को वॉर्निंग दी गई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वे इजरायल से अपील करते हैं कि वह हिजबुल्लाह से लड़ाई के बीच UN पीसकीपर्स पर हमला करना बंद करे।

इजरायल ने गुरुवार को भी UNIFIL पर पहला हमला किया था। इसमें इंडोनेशिया के 2 पीसकीपर्स घायल हो गए थे। इजरायल के इस हमले पर भारत, कनाडा, इंडोनेशिया, अमेरिका समेत 11 देशों ने आपत्ति जताई थी। इसके बावजूद इजरायल ने UN पोस्ट पर दोबारा अटैक किया। दरअसल, लेबनान में UN पीस मिशन के तहत भारत के भी 600 सैनिक तैनात हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पीसकीपिंग फोर्स की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। इजरायल पर ईरानी हमले के बाद अमेरिका ने ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल सेक्टर पर प्रतिबंध बढ़ा दिए हैं। अमेरिका ने इजरायल की ‘घोस्ट फ्लीट’ पर भी पाबंदियां लगा दी हैं, जो उसके तेल को दुनिया भर में खरीदारों तक पहुंचाती है।

इजरायल में योम किप्पुर त्योहार पर हाई-अलर्ट इजरायल में आज (12 अक्टूबर) योम किप्पुर का त्योहार मनाया जा रहा है। यह यहूदियों के लिए सबसे पवित्र दिनों में से एक होता है। टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर से ही इजरायल को बंद कर दिया गया था। पूरे देश को हाई-अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा जगह-जगह खास अलर्ट सिस्टम भी लगाए हैं, जिससे हमले की स्थिति में लोगों को तुरंत जानकारी दी जा सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, त्योहार शुरू होने के शुरुआती कुछ घंटों में इजरायल पर लेबनान से 120 रॉकेट दागे गए, जिनमें से ज्यादातर को इजराइली डिफेंस सिस्टम ने रोक दिया। 1973 के बाद यह पहली बार है जब योम किप्पुर के दौरान इजरायल जंग लड़ रहा है।

दरअसल, 1973 में योम किप्पुर के दिन 6 अक्टूबर को मिस्र और सीरिया के नेतृत्व में अरब देशों ने इजरायल पर हमला कर दिया। मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद अनवर सादात और सीरियाई राष्ट्रपति हफीज अल असद उस जमीन को वापस पाना चाहते थे, जिसे इजरायल ने 1967 के सिक्स डे वॉर में कब्जा कर लिया था। इस जंग में रूस, सीरिया और मिस्र की मदद कर रहा था। ऐसे में अमेरिका ने इजरायल का समर्थन किया और उसे हथियारों की मदद पहुंचाई। अमेरिका की इस मदद से इजरायल इस जंग में बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा था।

साभार : दैनिक भास्कर

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