गुरुवार, नवंबर 21 2024 | 05:50:22 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / सुनीता विलियम्स अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अंतरिक्ष से डालेंगी वोट

सुनीता विलियम्स अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अंतरिक्ष से डालेंगी वोट

Follow us on:

वाशिंगटन. NASA के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुट्च विलमोर, मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर हैं. अमेरिका में नवंबर 2024 के होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में दोनों ही यात्री वोट करने की योजना बना रहे हैं. लेकिन सवाल खड़ा होता है कि आखिर कैसे अंतरिक्ष यात्री स्पेस से वोट करते हैं और इसकी प्रक्रिया क्या है. आइए समझते हैं.

1997 में टेक्सास ने एक कानून पारित किया था, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को चुनावों में वोट करने का अधिकार मिला था. इस कानून के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अंतरिक्ष में है, तो वो इलेक्ट्रॉनिक रूप से वोट कर सकते हैं. ये कानून इसलिए बनाया गया क्योंकि NASA के अधिकतर अंतरिक्ष यात्री ह्यूस्टन, टेक्सास में रहते हैं. सुनीता और बुट्च ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वे वोट के लिए अपनी बैलट मांग चुके हैं. सुनीता ने कहा, “ये मेरा खुशहाल स्थान है. मैं यहां अंतरिक्ष में रहना पसंद करती हूं.” बुट्च ने भी इस बात पर जोर दिया कि वोट करना नागरिकों का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है.

कैसे करते हैं वोट?

स्पेस स्टेशन से वोट करने की प्रक्रिया सरल है. वोट से पहले, अंतरिक्ष यात्री तैयारी करते हैं कि वे जिस चुनाव में भाग लेना चाहते हैं, उसके लिए सभी जरूरी पेपर वर्क कर चुके हों. फिर, NASA के मिशन कंट्रोल सेंटर से एक सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक बैलट उन्हें भेजा जाता है. अंतरिक्ष यात्री को ईमेल के जरिए बैलट मिलता है. फिर वो उसे भरते हैं और उसे पृथ्वी पर संबंधित काउंटी क्लर्क के ऑफिस में भेज देते हैं.

क्या पहले किसी ने किया है स्पेस से वोट?

इस प्रक्रिया की शुरुआत 1997 में हुई थी, जब डेविड वोल्फ पहले अंतरिक्ष यात्री बने जिन्होंने अंतरिक्ष से वोट किया. इसके बाद से, कई अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने भी इस प्रक्रिया को फॉलो किया है. सुनीता ने 2016 और 2020 में भी अंतरिक्ष से वोट किया था. हालांकि, सुनीता और बुट्च को इस बार कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उनकी वापसी की योजना में देरी हो गई है. अब दोनों, फरवरी 2025 तक ISS पर रहेंगे. बुट्च ने कहा, “ये एक कठिन यात्रा रही है, लेकिन हम हर दिन अपना बेस्ट करने के लिए ट्रेंड हैं.”

गौरतलब है कि, स्पेस में रहते हुए भी NASA के अंतरिक्ष यात्री अपने नागरिक कर्तव्यों को निभाने में सक्षम हैं. ये प्रक्रिया दर्शाती है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से, हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का पालन कर सकते हैं, चाहे हम कितनी भी ऊंचाई पर क्यों न हों.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

रूस लम्बी दूरी की मिसाइल से हमले का जवाब परमाणु हमले से देगा : व्लादिमीर पुतिन

मास्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देने से …