लखनऊ. बरेली में आईएमसी (इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां सामूहिक धर्म परिवर्तन और निकाह कराने की तैयारी में हैं। सोमवार को यह खबर सामने आते ही राजनीतिक गलियारों के साथ ही विशेष समुदाय के लोगों में हलचल तेज हो गई है। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर का दावा है कि उनके पास करीब 23 आवेदन आ चुके हैं। वह प्रथम चरण में पांच जोड़ों का निकाह करा रहे हैं। इसको लेकर प्रशासन से भी अनुमति मांगी है।
आईएमसी प्रमुख ने कहा कि हमने पाबंदी लगाई थी कि लालच और किसी के इश्क में आकर कोई लड़का या लड़की इस्लाम कुबूल करना चाहता है तो उनका मुस्लिम बनने की इजाजत नहीं दी जाएगी। लेकिन पिछले दिनों से काफी दबाव बन रहा था, जिसमें सामने आया कि ऐसे बहुत सारे लड़के लड़कियां हैं जो पढ़ाई और काम साथ-साथ कर रहे हैं। इस वजह से उनके संबंध भी बन गए हैं और कई जगह तो लिव-इन में भी रह रहे हैं।
स्कूल में आयोजन करने का एलान
उन्होंने कहा कि लिवइन की कानून इजाजत देता है, लेकिन मजहब इजाजत नहीं देता। हिंदू धर्म में भी इसको पसंद नहीं किया जाता है। कानून में तो समलैंगिकता का भी अधिकार है, लेकिन हिंदुस्तानी सभ्यता और संस्कार इसकी इजाजत नहीं देते हैं। मौलाना ने बताया कि आठ लड़कें और 15 लड़कियों के आवेदन आएं हैं। इन्होंने अपने रिश्ते पहले से तय किए हुए हैं। 21 जुलाई को सुबह 11 बजे खलील हायर सेकेंड्री स्कूल में पहले चरण में पांच जोड़ों के धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया कर सामूहिक निकाह कराया जाएगा।
सिटी मजिस्ट्रेट को भेजा पत्र
आईएमसी की ओर से संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र भेजा गया है। इसको 11 जुलाई को भेजा गया था। आईएमसी को प्रशासन की अनुमति का इंतजार है। मौलाना ने कहा कि प्रशासन को भी इसमें कोई एतराज होना नहीं चाहिए, वह लोग कोई गैर कानूनी काम नहीं कर रहे हैं। सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा की ओर से अनुमति संबंधी प्राप्त प्रार्थना पत्र एनओसी के लिए पुलिस को भेज दिया गया है। जो रिपोर्ट मिलेगी, उसी आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
साभार : अमर उजाला
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं