बुधवार, दिसंबर 18 2024 | 08:51:37 PM
Breaking News
Home / राज्य / दक्षिण-भारत / केरल में निपाह वायरस के कारण 24 वर्षीय युवक की हुई मौत

केरल में निपाह वायरस के कारण 24 वर्षीय युवक की हुई मौत

Follow us on:

तिरुवनंतपुरम. देश के दक्षिणी राज्य केरल में इसी साल जून-जुलाई के महीने में निपाह वायरस के संक्रमण ने लोगों को खूब परेशान किया था। खतरे को देखते हुए कई शहरों में अलर्ट जारी किया गया था। करीब तीन महीने बाद राज्य में एक बार फिर से इस संक्रामक रोग ने चिंता बढ़ा दी है। हालिया जानकारियों के मुताबिक नौ सिंतबर को मलप्पुरम में एक 24 वर्षीय युवक की संक्रमण से मौत हो गई है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार (15 सिंतबर) को बताया कि मृतक का परीक्षण पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में कराया गया था, जहां उसमें निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। इसके अलावा करीब 151 लोगों के रोगी के संपर्क में आने की आशंका जताई जा रही है, इनकी निगरानी की जा रही है। गौरतलब है कि इस साल केरल में निपाह संक्रमण के कारण मौत का ये दूसरा मामला है। इससे पहले जुलाई में एक 14 वर्षीय लड़के की मौत हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है। लोगों से सावधानी बरतते रहने की अपील की गई है।

क्या कहती हैं स्वास्थ्य मंत्री?

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक मौत का ये मामला नौ सितंबर का है, इससे पहले उसका चार निजी अस्पतालों में इलाज कराया गया था। इस घटना के देखते हुए राज्य में सभी उच्च जोखिम वाली श्रेणी के लोगों को आइसोलेशन में रहने के लिए कहा गया है। संपर्क में आए संभावित 151 लोगों में से पांच में लक्षण दिख रहे थे, उनके सैंपल भी परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। इसके अलावा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम तेजी से किया जा रहा है जिससे किसी अन्य मामले को रोका जा सके।

उच्च जोखिम वाला राज्य रहा है केरल

गौरतलब है कि निपाह एक जूनोटिक बीमारी है जो सुअर और चमगादड़ जैसे जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। जानवरों से इंसानों में संक्रमण के अलावा संक्रमित व्यक्ति से दूसरे लोगों को भी इसका खतरा हो सकता है। इसकी मृत्युदर 45-75 फीसदी तक मानी जाती रही है। साल 2018 से लगातार केरल राज्य इस संक्रमण की चपेट में रहा है।स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ये संक्रमण कई मामलों में गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। गंभीर मामलों में, इसके कारण इन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) हो सकती है, जो कोमा और मृत्यु के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती है।

कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, निपाह कई मामलों में कोरोना से भी खतरनाक संक्रामक रोग माना जाता है। निपाह के कारण इन्सेफलाइटिस जैसी समस्याओं का जोखिम रहता है साथ ही इसका मृत्युदर भी बहुत अधिक रहा है। चमगादड़ों को निपाह वायरस संचार का प्रमुख कारण माना जाता है। चमगादड़ों द्वारा दूषित फलों या अन्य भोजन के माध्यम से ये इंसानों में फैल सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, फलों-सब्जियों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ करें। पक्षियों द्वारा कटा हुआ फल न खाएं। निपाह के लिए अभी तक कोई विशिष्ट उपचार या टीके भी नहीं हैं।  इसके जोखिमों में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को कुछ हद तक प्रभावी पाया गया है।

साभार : अमर उजाला

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

कर्नाटक के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज और जांचे हुई महँगी

बेंगलुरु. कर्नाटक सरकार ने राज्य के अस्पतालों की फीस में बड़े स्तर पर इजाफा किया …