गांधीनगर. गुजरात विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों ने नमाज का विरोध करते हुए विदेशी छात्रों के साथ मारपीट की. इस समाचार ने लोगों को आक्रोशित कर दिया. पर क्या आप इसका वास्तविक कारण जानते है? इसके लिए नमाज का विरोध करने वाले छात्र नहीं बल्कि नमाज पढ़ने वाले छात्र जिम्मेदार है.
गुजरात विश्वविद्यालय में इस्लामिक कट्टरवाद बहुत अधिक बढ़ गई है. उपरोक्त घटना से जुड़ी जानकारी खोजने पर पाया गया कि गुजरात विश्वविद्यालय के हॉस्टल के कॉमन स्टेज की दीवार पर अरबी में एक धार्मिक शब्द लम्बे समय से लिखा हुआ है. कब से, यह किसी को नहीं पता. यह सिर्फ एक घटना है. यदि जांच होती है तो कई और बातें सामने आ सकती हैं.
अब बात उस दिन की करते हैं, जब यह विवाद हुआ. उस दिन विदेशी मुस्लिम छात्र ए ब्लाक के कम्पाउंड में सामूहिक रूप से नमाज़ पढ़ रहे थे. तभी दूसरे ब्लॉक का एक छात्र वहाँ से गुजरा, तो उसने गार्ड से पूछ लिया कि क्या इस प्रकार खुले में नमाज पढ़ने की अनुमति है. इस प्रश्न से नमाज पढ़ रहा अफगानी छात्र हारून इतना नाराज हो गया कि उसने हिन्दू छात्र को चांटा मार दिया. जिसके बाद दूसरी ओर से भी कई छात्र आ गए और मामला मारपीट में बदल गया.
वास्तविकता यह है कि यदि विदेशी मुस्लिम छात्र प्रश्न पूछने वाले छात्र को चांटा नहीं मारता, तो शायद यह विवाद शुरू ही नहीं होता. किन्तु कुछ लोगों ने इसे एक संप्रदाय विशेष के साथ अन्याय बता कर प्रचारित करना शुरू कर दिया. जिससे गुजरात सहित पूरे भारत की छवि खराब होती है.
इनपुट : इंडिया टीवी
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