पटना. बिहार के छपरा में मोतीराजपुर गांव स्थित मदरसा दारूल उलूम बरकतिया रिजविया गुलशन ए बगदाद का संचालन अवैध रूप से हो रहा था। इस मदरसा का कोई रिकार्ड सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। मोतीराजपुर स्थित मदरसा में बुधवार शाम हुए बम विस्फोट कांड की जांच के लिए शुक्रवार को एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) की टीम पहुंची। एनसीपीसीआर की टीम ने पाया कि उक्त मदरसे के संचालन से संबंधित कोई रिकार्ड सरकार के पास मौजूद नहीं है।
कहां गायब हो गए मदरसे के 14 बच्चे
एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि उक्त मदरसे में मुजफ्फरपुर और कटिहार जिले के कुल 15 छात्र थे, जिसमें से अभी 14 गायब कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वहां क्रूड बम बनाने में इस्तेमाल करने के लिए एक पॉलीथीन में बंद कर रखे बंदूक वाले छर्रे और नुकीली सुइयां मिलीं हैं। इसके अलावा, वहां कट्टरपंथी गतिविधियों से संबंधित कुछ धार्मिक झंडे व साहित्य भी मिले है। साथ ही कई कागजात भी मिले हैं।
पुलिस को जब्ती सूची बनाने का निर्देश
एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने बताया कि इस संबंध में पुलिस को जब्ती सूची बनाने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने बताया कि मदरसा में बम बनाना एवं इसमें दीनी तालीम के लिए दाखिल बच्चों को शामिल किया जाना गैर कानूनी कार्य है। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है। दोषी व्यक्ति पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
विस्फोट में मौलाना की हो गई थी मौत
बता दें कि मदरसा में बम बनाने के दौरान हुए विस्फोट में गंभीर रूप से घायल मौलाना इमामुद्दीन की मौत हो गई। वहीं गंभीर रूप से छात्र नूर आलम का इलाज पटना के जेडआरएम लाइफ हॉस्पिटल मौर्य विहार कॉलोनी कुम्हरार में कराया जा रहा है। ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि मौलाना यहाँ मुसलमानों को बम बनाने की ट्रेनिंग भी देता था।
मौलाना के सहयाेगी मौलवी को तलाश रही है पुलिस
मदरसा का संचालन जिस भवन में हो रहा था वह मृत मौलाना इमामुद्दीन का निजी भवन था। भवन जिस जमीन पर बना है, वह मौलाना की जमीन है। स्थानीय लोगों की मानें तो, मदरसा भवन में बच्चों के साथ मौलाना की पत्नी के अलावा मौलाना के एक सहयोगी मौलवी रहते थे। घटना के बाद से सभी वहां से फरार हो गए हैं। पुलिस मौलाना के सहयोगी मौलवी तथा मौलाना की पत्नी को पूछताछ के लिए खोज रही है।
साभार : दैनिक जागरण
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