लखनऊ. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मानहानि मामले में सुल्तानपुर की MP-MLA कोर्ट से जमानत मिल गई है। मंगलवार को जमानत के बाद राहुल ने 25-25 हजार के दो बॉन्ड भरे। 2 लोगों ने उनकी जमानत ली। राहुल के खिलाफ यह मामला 5 साल पहले कर्नाटक में अमित शाह के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है। राहुल ने 2018 में कर्नाटक चुनाव के दौरान कहा था कि जो पार्टी ईमानदारी की बात करती है, उसका अध्यक्ष हत्या का आरोपी है। इसके बाद सुल्तानपुर के भाजपा नेता विजय मिश्र ने 4 अगस्त, 2018 को राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
कोर्ट में पेशी के लिए राहुल भारत जोड़ो न्याय यात्रा छोड़कर अमेठी से कार से सुल्तानपुर पहुंचे थे। पहले उनका प्लेन से जाने का प्लान था, मगर अचानक कार से जाने का फैसला किया। राहुल अब कार से ही अमेठी के फुरसतगंज लौटेंगे और अमेठी से यूपी में 5वें दिन की न्याय यात्रा शुरू करेंगे। राहुल गांधी के वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया, “हमने कोर्ट से अपील की कि लोकसभा चुनाव को लेकर राहुल की व्यस्तताओं को देखते हुए उन्हें पेशी पर आने की छूट दी जाए, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। आगे इस मामले में गवाहों के बयान होने हैं। कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी।”
शाह के खिलाफ राहुल का पूरा बयान, जिस पर मानहानि का केस दर्ज हुआ
केस करने वाले भाजपा नेता विजय मिश्र के वकील संतोष पांडेय से दैनिक भास्कर से बात की। उन्होंने बताया 8 मई 2018 को बेंगलुरु में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था, ‘‘अमित शाह हत्या के आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खुद लोया मामले में इसका उल्लेख किया। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अमित शाह की कोई विश्वसनीयता है। जो पार्टी ईमानदारी और शुचिता की बात करती है, उसका अध्यक्ष हत्या का आरोपी है।”
बता दें कि स्पेशल कोर्ट जज बृजमोहन हरकिशन लोया की मौत दिसंबर 2014 में नागपुर में हुई थी। उस वक्त वह अपने एक साथी की बेटी की शादी में गए थे। जज लोया गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। इसमें अमित शाह आरोपी थे। हालांकि लोया के बेटे ने अपने पिता की मौत को नेचुरल बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सामान्य मौत बताते हुए मामले की SIT जांच से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी।
मानहानि का केस करने वाले बोले- बयान से भावनाएं आहत हुईं
इस मामले में याचिकाकर्ता विजय मिश्र ने दैनिक भास्कर को बताया था कि राहुल के बयान से उनकी भावनाएं आहत हुईं, क्योंकि वे खुद भाजपा से जुड़े हुए थे। उनकी भी समाज में मानहानि हुई है। इसलिए उन्होंने कोर्ट में इस मामले को लेकर केस दायर किया था। विजय मिश्र ने रामचंद्र और अनिल मिश्र को बतौर गवाह पेश किया था। विजय मिश्र ने सबूत के तौर पर यूट्यूब और अन्य वेबसाइट्स पर चले राहुल के बयान को पेश किया था। उन्होंने कहा था कि गवाहों के बयान और अन्य सबूत से राहुल को कोर्ट में तलब करने के पर्याप्त सबूत हैं।
राहुल के खिलाफ दो धाराएं, दो साल की सजा का प्रावधान
राहुल गांधी पर इस मामले में धारा 499 और 500 में केस दर्ज है। धारा 499 के मुताबिक किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसकी मानहानि करना वहीं धारा 500 में मानहानि के लिए दंड का प्रावधान है। इस मामले में दो साल तक की जेल हो सकती है।
साभार : दैनिक भास्कर
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