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मोदी सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिकी घटक विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड सुधारों को अधिसूचित किया

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सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिकी घटक विनिर्माण क्षेत्रों की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) नियमों में अग्रणी सुधार पेश किए हैं। चूंकि इन क्षेत्रों में विनिर्माण में अत्यधिक पूंजी लगता है, यह आयात पर निर्भर है और इसके लाभदायक बनने में काफी समय लगता है, इसलिए इन उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अग्रणी निवेश को बढ़ावा देने और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नियम संशोधन किए गए हैं।

एसईजेड नियम, 2006 के नियम 5 में संशोधन के बाद , सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण के लिए विशेष रूप से स्थापित एसईजेड को केवल 10 हेक्टेयर के न्यूनतम भूमि क्षेत्र की आवश्यकता होगी, जो पहले के 50 हेक्टेयर की आवश्यकता से काफी कम है। इसके अलावा, एसईजेड नियम, 2006 के नियम 7 में संशोधन से एसईजेड के लिए अनुमोदन बोर्ड को एसईजेड भूमि को केंद्र या राज्य सरकार या उनकी अधिकृत एजेंसियों के पास बंधक या पट्टे पर दिए जाने के मामले में ऋण-मुक्त होने की शर्त में ढील देने की अनुमति मिलती है।

संशोधित नियम 53 के तहत निःशुल्क आधार पर प्राप्त और आपूर्ति की गई वस्तुओं के मूल्य को शुद्ध विदेशी मुद्रा (एनएफई) गणना में शामिल किया जाएगा और लागू सीमा शुल्क मूल्यांकन नियमों का उपयोग करके उसका मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा, एसईजेड नियमों के नियम 18 में संशोधन किया गया है ताकि सेमीकंडक्टर के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिकी घटक विनिर्माण क्षेत्र में एसईजेड इकाइयों को लागू शुल्कों के भुगतान के बाद घरेलू टैरिफ क्षेत्र में भी घरेलू आपूर्ति करने की अनुमति दी जा सके।

इन संशोधनों से देश में उच्च तकनीक विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, सेमीकंडक्टर विनिर्माण परितंत्र का विकास होगा और देश में उच्च कौशल वाली नौकरियां पैदा होंगी।

इन संशोधनों को वाणिज्य विभाग ने 3 जून, 2025 को अधिसूचित किया है। इसके बाद, एसईजेड के लिए अनुमोदन बोर्ड ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण एसईजेड की स्थापना के लिए क्रमशः माइक्रोन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमएसटीआई) और हुबली ड्यूरेबल गुड्स क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड (एक्वस ग्रुप) से प्राप्त प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।

माइक्रोन गुजरात के साणंद में 37.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 13,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से अपना विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) स्थापित करेगी, जबकि एक्वस कर्नाटक के धारवाड़ में 11.55 हेक्टेयर क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से इलेक्ट्रॉनिकी घटकों के विनिर्माण हेतु अपना विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) स्थापित करेगी।

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