लखनऊ. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए वक्फ कानून के खिलाफ सिर्फ कुछ गिने-चुने नेता हैं. आजादी से 2013 तक 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ की प्रॉपर्टी थी, लेकिन 2013 के कानून के बाद यह बढ़कर 21 लाख एकड़ हो गई है. 2013 के कानून के बाद कोई भी जमीन वक्फ की हो जा रही थी. अमित शाह के इस बयान का समर्थन बरेली मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भी किया और मुसलमानों से अपील की कि किसी के बहकावे में न आएं.
गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान पर बरेली से मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समर्थन जताते हुए कहा कि गृहमंत्री ने जो भी कहा है, वह बिल्कुल सच है. मैं गृहमंत्री के बयान से पूरी तरह सहमत हूं. मौलाना ने कहा कि हिंदुस्तान के मुसलमानों को गृहमंत्री अमित शाह की बात को गहराई से सोचना और समझना चाहिए. यह वक्फ कानून मुसलमानों के फायदे के लिए है और हिंदुस्तान के किसी भी राज्य में मस्जिद, कब्र, दरगाह को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. जो लोग धरना प्रदर्शन के लिए उकसा रहे हैं, उससे मुसलमानों का हित नहीं होगा.
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि सीएए का विरोध करके सबने परिणाम देख लिया है. इसलिए हिंदुस्तान के मुसलमानों को वक्फ कानून पर गहराई से सोचने की जरूरत है. गौरतलब है कि वक्फ सनशोधन बिल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक दर्जन से अधिक जनहित याचिकाएं दाखिल की गई हैं. सभी विपक्षी दल, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई अन्य संगठन इस बिल का वीयर्ध कर रहे हैं.
साभार : न्यूज18
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