केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान मुख्य आयुक्तों, मुख्य आयुक्तों और सीबीआईसी के क्षेत्रीय कार्यालयों के महानिदेशकों के साथ आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता की।
बैठक में वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के सचिव श्री अरविंद श्रीवास्तव, सीबीआईसी के अध्यक्ष श्री संजय कुमार अग्रवाल, सीबीआईसी बोर्ड के सदस्य तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
सीबीआईसी कॉन्क्लेव के पहले दिन, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने संबोधित किया और निर्यात जांच के लिए आईसीईटीएबी डिवाइस भी लॉन्च की, जिसका उद्देश्य व्यापार के लिए लेन-देन की लागत और टर्नअराउंड समय को कम करना है, जिससे रसद प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई) में भारत की रैंकिंग में सुधार होगा।
सम्मेलन के दौरान, प्रस्तुतियों में प्रमुख संकेतकों पर सीमा शुल्क और सीजीएसटी क्षेत्रों के प्रदर्शन पर प्रकाश डाला गया। सीबीआईसी ने केंद्रीय वित्त मंत्री को निम्नलिखित प्रमुख संकेतकों के बारे में जानकारी दी:
- शिकायत निवारण: शिकायत निवारण का औसत समय घटकर मात्र 9 दिन रह गया है, जो निर्धारित 21 दिन की समय-सीमा से काफी बेहतर है। 95% से 97% सीपीजीआरएएमएस अपीलों का निपटान 30 दिन के भीतर किया जा रहा है। इस प्रदर्शन ने सीबीआईसी को फरवरी 2024 से सीपीजीआरएएमएस रैंकिंग में 90 केंद्रीय मंत्रालयों में से शीर्ष 5 में रखा है।
- जीएसटी अनुपालन: वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटीआर-3बी फाइलिंग का राष्ट्रीय औसत 94.3% रहा।
- रिफंड: 85% दावों का निपटान वैधानिक 60-दिन की सीमा के भीतर किया गया।
- ऑडिट और प्रवर्तन: वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी ऑडिट कवरेज 62.21% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 88.74% हो गई। वित्त वर्ष 2024-25 में पता लगाई गई जीएसटी चोरी बढ़कर ₹2,23,170 करोड़ हो गई, जिसमें स्वैच्छिक भुगतान कुल ₹28,909 करोड़ था। यह भी नोट किया गया कि 3 वर्ष में एक से अधिक बार ऑडिट के लिए दोहराए गए करदाताओं की संख्या शून्य है।
- उन्नत व्यापार सुविधा:जोखिम प्रबंधन प्रणाली (आरएमएस) के माध्यम से कार्गो की सुविधा में लगातार बढ़ोतरी हुई है, 2025 में 86% कार्गो की सुविधा प्रदान की जाएगी, जो 2022 में 82% होगी।
- प्रभावी निपटान अभियान: वित्त वर्ष 2024-25 में 2140.35 किलोग्राम जब्त सोने का निपटान एसपीएमसीआईएल को सौंपकर किया गया।
सम्मेलन के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री ने इकाइयों को जीएसटी पंजीकरण, रिफंड की प्रक्रिया और करदाताओं की शिकायतों के निपटान जैसे विभिन्न मापदंडों में सुधार के लिए कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया।
चर्चा के दौरान, श्रीमती सीतारमण ने प्रौद्योगिकी और जोखिम-आधारित मापदंडों के उपयोग से करदाताओं के लिए जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को आसान, निर्बाध और अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरतों पर बल दिया।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने सीजीएसटी संस्थाओं को जीएसटी पंजीकरण के लिए आवश्यक अनिवार्य दस्तावेजों, विशेष रूप से कारोबार के मुख्य स्थान से संबंधित दस्तावेजों के बारे में करदाताओं, व्यापार संघों और उद्योग निकायों के बीच लक्षित जागरूकता अभियान शुरू करने का भी निर्देश दिया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि इससे पंजीकरण में अस्वीकृति और देरी को कम करने और आवेदनों के तेजी से प्रसंस्करण को सक्षम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने सीजीएसटी जोनल प्रमुखों को जीएसटी पंजीकरण के लिए एक समर्पित हेल्पडेस्क बनाने का भी निर्देश दिया ताकि आवेदन प्रक्रिया में करदाताओं को सुविधा मिल सके।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह सुनिश्चित करने पर प्रकाश डाला कि जीएसटी सेवा केंद्रों और सीमा शुल्क सुविधा केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ हो, वे सुलभ हों और उनका उचित रखरखाव हो, जिससे करदाताओं को समय पर और गुणवत्तापूर्ण सहायता मिल सके।
करदाताओं के विश्वास पर जोर देते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री ने शिकायत निवारण पर लक्षित और निरंतर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया, ताकि बेहतर प्रणालियों और जवाबदेही के माध्यम से प्रश्नों और शिकायतों का समय पर समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
श्रीमती सीतारमण ने सीमा शुल्क और सीजीएसटी मामलों की जांच को तेजी से पूरा करने का आह्वान किया और पता लगाने व वसूली के बीच के अंतर को कम करने के लिए समाधान खोजने का आह्वान किया। साथ ही, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कर चोरी और गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों को रोकने की जरूरत पर जोर दिया।
वित्त मंत्री ने सीबीआईसी से जीएसटी और सीमा शुल्क रिफंड की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया, ताकि समय पर निवारण सुनिश्चित हो सके और विशेष रूप से एमएसएमई और निर्यातकों के लिए व्यापार करना आसान हो सके।
श्रीमती सीतारमण ने सराहना की कि फरवरी 2024 से सीपीजीआरएएमएस के प्रदर्शन में सीबीआईसी 90 केंद्रीय मंत्रालयों/ विभागों में से शीर्ष पांच में है, उन्होंने सीपीजीआरएएमएस के माध्यम से प्राप्त सार्वजनिक शिकायतों का तुरंत समाधान करने के महत्व को रेखांकित किया। वित्त मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि शिकायतों के समाधान में और तेजी लाने के लिए सीजीएसटी और सीमा शुल्क क्षेत्र अपने-अपने क्षेत्रों में टीमें बना सकते हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने सीमा शुल्क विभाग से आयात और निर्यात दोनों के लिए बंदरगाहों, हवाई अड्डों और अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) पर रुकने के समय को कम करने का आग्रह किया और इस विषय पर जोर दिया कि भारत की वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर करने के लिए तेजी से कार्गो निकासी जरूरी है।
लंबित अनुशासनात्मक मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री ने निर्देश दिया कि विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही समयबद्ध तरीके से शीघ्रता से पूरी की जाए।
सीबीआईसी से क्षेत्रीय संरचनाओं को सुदृढ़ करने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर सभी खाली पदों को जल्दी से भरने का भी आग्रह किया गया।
श्रीमती सीतारमण ने मुख्य आयुक्तों और महानिदेशकों को अपने अधिकार क्षेत्र में व्यापार सुविधा उपायों को सक्रिय रूप से शुरू करने तथा प्रक्रियाओं को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने के लिए सीबीआईसी मुख्यालय को कार्रवाई योग्य सुझाव प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया।