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हम लापता भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए ईरान के अधिकारियों के संपर्क में हैं : विदेश मंत्रालय

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नई दिल्ली. भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को हुई वीकली प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में सरकार की तरफ से कई मसलों पर जवाब दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने ईरान में गायब भारतीयों के साथ ही पाकिस्‍तान और अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में वहां के ट्रंप एडमिनिस्‍ट्रेशन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ को लेकर दिए गए जवाब पर भी प्रतिक्रिया दी गई है.

  • ईरान में जो भारतीय गायब हैं उसके बारे में विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि कुछ समय पहले ईरान के तेहरान में उतरे तीन भारतीय नागरिक लापता हैं. हम उनका पता लगाने, उनकी सुरक्षा और उनके घर वापसी के लिए ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं. हमें ईरानी पक्ष से अच्छा सहयोग मिल रहा है और हम लापता लोगों के परिवारों के संपर्क में भी हैं. हम हर संभव मदद कर रहे हैं.
  • विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि पाकिस्‍तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत या संबंध या जो भी संपर्क है, उस पर हमारा रवैया एकदम साफ है. हम पहले भी कह चुके हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध द्विपक्षीय ही रहेगा. हम फिर से दोहराते हैं कि आतंकवाद और बातचीत दोनों साथ में नहीं चल सकते हैं. जहां तक आतंकवाद का सवाल है तो उस पर बात पाकिस्‍तान पर उस पर होगी भारत ने आतंकियों की जो लिस्‍ट सौंपी थी कुछ साल पहले, उन्‍हें भारत के हवाले किया जाए.
  • जम्‍मू कश्‍मीर की बात सिर्फ पीओके पर ही होगी जिस पर पाकिस्‍तान अवैध तरीके से कब्‍जा किए हुए है, उसे वह कब तक खाली करेगा. जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है तो जब तक पाकिस्‍तान, आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता तब तक संधि स्‍थगित रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बात कही थी उसे ही दोहराना चाहते हैं कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता है.
  • अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के प्रशासन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ को लेकर भारत-पाकिस्‍तान का जो हवाला दिया गया, उस पर भी विदेश मंत्रालय ने अपना रुख साफ कर दिया है. इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जसवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह हकीकत बयां करने के लिए काफी है. भारत ने 13 मई को इस मसले पर स्थिति को पहले ही साफ कर दिया गया है.
  • सात मई को जब से ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ था तब से ही और फायरिंग और मिलिट्री एक्‍शन रुकने तक, भारत और अमेरिकी नेताओं के बीच बातचीत हो रही थी. इस दौरान ट्रेड और टैरिफ का कोई भी मसला चर्चा में नहीं आसा था. विदेश मंत्री भी इस बात को साफ कर चुके हैं कि  भारत और पाकिस्‍तान के डीजीएमओ के बीच ही बातचीत हुई थी.

साभार : एनडीटीवी

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