रायपुर. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सरखो में कथित धर्मांतरण का मामला गरमा गया है। ग्रामीणों ने एक विशेष समुदाय पर प्रार्थना सभा (चंगोई) की आड़ में भोले-भले ग्रामीणों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का गंभीर आरोप लगाया है। रविवार को इस मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब बड़ी संख्या में ग्रामीण आयोजन स्थल पर एकत्र हो गए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रार्थना सभा में जुटे थे सैकड़ों लोग
मिली जानकारी के अनुसार, गांव के एक निजी परिसर में लंबे समय से रविवार को विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा था। ग्रामीणों का दावा है कि इस सभा में न केवल स्थानीय ग्रामीण, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी सैकड़ों लोगों को बसों और छोटे वाहनों के जरिए लाया जा रहा था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सभा के दौरान बीमारी ठीक करने और आर्थिक मदद का झांसा देकर लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जाता है।
प्रलोभन और चमत्कार का आरोप
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे स्थानीय पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पिछले कई महीनों से एक मिशनरी समूह द्वारा यहां गुप्त रूप से सभाएं आयोजित की जा रही हैं। आरोप है कि कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों को “चमत्कार” से ठीक करने का झांसा देकर और आर्थिक सहायता का लालच देकर गरीब आदिवासियों और ग्रामीणों को निशाना बनाया जा रहा था।
घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया, “बाहर से गाड़ियां भरकर लोग यहाँ लाए जाते हैं और उन्हें हमारे मूल रीति-रिवाजों के खिलाफ भड़काया जाता है।”
पुलिस का बयान और कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांजगीर एसडीओपी (SDOP) और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। भीड़ को नियंत्रित करते हुए पुलिस ने तत्काल प्रभाव से सभा को बंद करवाया और वहां मौजूद आयोजकों से दस्तावेज मांगे।
स्थानीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) का बयान:
“हमें ग्रामीणों और कुछ संगठनों के माध्यम से अवैध धर्मांतरण की शिकायत मिली थी। मौके पर पहुंचकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभा को स्थगित कराया गया है। आयोजकों से कार्यक्रम की अनुमति के संबंध में पूछताछ की जा रही है। यदि बिना अनुमति या किसी प्रलोभन के तहत कार्यक्रम संचालित पाया गया, तो छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
तनावपूर्ण शांति, जाँच जारी
फिलहाल पुलिस ने आयोजन स्थल को खाली करा लिया है, लेकिन इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। दूसरी ओर, आयोजन से जुड़े लोगों ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए इसे केवल व्यक्तिगत प्रार्थना सभा करार दिया है।
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