नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी का अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का बड़ा फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जातीय जनगणना को आने वाली जनगणना में सम्मिलित किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए.” गौरतलब है कि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्षी इंडी गठबंधन ने जातिगत जनगणना को एक बड़ा मुद्दा बनाया था. संविधान की धारा 246 में जनगणना के जिक्र है जो केंद्रीय विषय है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, “कांग्रेस और इंडी गठबंधन के सहयोगियों ने जाति जनगणना को सिर्फ एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया है. साल 2010, में स्वर्गीय पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन ने कहा था कि जातिगत जनगणना के विषय पर कैबिनेट में विचार होना चाहिए. इसके लिए एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (GOM) भी बनाया गया था. इसमें अधिकतर राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की थी. इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति का सर्वे या जाति जनगणना कराने का फैसला किया है.”
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “कुछ राज्यों ने जातियों की गिनती के लिए सर्वेक्षण करवाए हैं. जहां कुछ राज्यों ने यह अच्छे से किया है, वहीं कुछ और राज्यों ने ऐसे सर्वेक्षण सिर्फ राजनीतिक नजरिए से और अपारदर्शी तरीके से किए. ऐसे सर्वेक्षणों ने समाज में संदेह पैदा किया. यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना न बिगड़े, CCPA ने फैसला लिया है कि जातियों की जनगणना सर्वे के आधार पर नही बल्कि मूल जनगणना में हो. ऐसे में जातियों की गणना को जनगणना में ही किया जाएगा.”
साभार : जी न्यूज
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