ढाका. बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने जेल में बंद हिंदू हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को जमानत दे दी है. चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने 23 अप्रैल को हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. चिन्मय कृष्ण दास इस्कॉन के पुजारी और बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता हैं.
चिन्मय दास पर लगाया गया ये आरोप
उन्हें 25 नवंबर 2024 के ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ़्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद चिन्मय दास को दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव की अदालत में ले जाया गया था, जिसने अगले दिन उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था. उन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था. चटगांव की निचली अदालत ने 2 जनवरी 2025 को उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर किया था. हाई कोर्ट ने फरवरी 2025 में बांग्लादेश सरकार से यह बताने के लिए कहा था कि चिन्मय कृष्ण दास को जमानत क्यों नहीं दी जानी चाहिए.
चिन्मय दास ने वकील ने क्या कहा?
द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक चिन्मय कृष्ण दास के वकील प्रोलाद देब नाथ ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनके जेल से रिहा होने की उम्मीद है. अगर सुप्रीम कोर्ट इस फैसले पर रोक नहीं लगाता है तो चिन्मय दास को रिहा कर दिया जाएगा. जस्टिस मोहम्मद अताउर रहमान और जस्टिस मोहम्मद अली रजा की पीठ ने चिन्मय की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया. रिपोर्ट के मुताबिक 23 अप्रैल को चिन्मय दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने हाई कोर्ट की पीठ से अपने मुवक्किल को जमानत देने की प्रार्थना करते हुए कहा कि चिन्मय बीमार हैं और बिना सुनवाई के जेल में कष्ट झेल रहे हैं. पिछले साल 31 अक्टूबर को चटगांव के मोहोरा वार्ड बीएनपी के पूर्व महासचिव फिरोज खान ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था.
साभार : एबीपी न्यूज
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