बीजिंग. आईफोन (iPhone) बनाने वाली अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी ऐपल (Apple) के शेयरों में दो दिन में छह फीसदी से अधिक गिरावट आई है। इससे कंपनी के मार्केट कैप में 200 अरब डॉलर की गिरावट आई है। चीन सरकार के एक कदम के कारण कंपनी के शेयरों में गिरावट आई है। चीन में सरकारी कंपनियां और एजेंसियां अब आईफोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी। चीन की सरकार ने इस पर बैन लगा दिया है। ऐपल के लिए चीन दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और कंपनी अपने ज्यादातर आईफोन वहीं बनवाती है। यही वजह है कि कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। निवेशक इस बात से आशंकित हैं कि आने वाले दिनों में ऐपल के लिए चीन में बिजनस करना भारी पड़ सकता है।
ऐपल के शेयरों में करीब तीन फीसदी गिरावट आई जो एक महीने में इसकी सबसे बड़ी गिरावट थी। अगले दिन भी कंपनी के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। कंपनी का शेयर 2.92 परसेंट की गिरावट के साथ बंद हुआ। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में ऐपल का शेयर अभी सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला शेयर है। पिछले साल कंपनी के कुल रेवेन्यू में चीन की हिस्सेदारी करीब 20 परसेंट रही। ऐपल इस बात का खुलासा नहीं करती है कि किस देश में उसकी कितनी बिक्री है लेकिन जानकारों का कहना है कि पिछली तिमाही में उसने चीन में अमेरिका से ज्यादा आईफोन बेचे। इतना ही नहीं ऐपल के ज्यादातर आईफोन चीन की फैक्ट्रियों में ही बनते हैं।
चीन ने क्यों किया ऐसा
KeyBanc Capital में एनालिस्ट Brandon Nispel का कहना है कि चीन की इकॉनमी के लिए ऐपल की अहम भूमिका है। इसकी वजह से चीन में कंपनी को चीन में सरकारी पाबंदियों का सामना नहीं करना पड़ा है। लेकिन ऐसा लगता है कि अब चीन की सरकार का रुख बदल रहा है। बुधवार को खबर आई कि चीन ने केंद्र सरकार के अधिकारियों और मैनेजरों के लिए आईफोन का इस्तेमाल बैन कर दिया है। इसके बाद गुरुवार को न्यूज आई कि सरकारी कंपनियों पर भी यह बैन लगा दिया गया है। इनमें सरकारी ऊर्जा कंपनी पेट्रोचाइना भी शामिल है जिसमें लाखों लोग काम करते हैं।
बैंक ऑफ अमेरिका के एनालिस्ट्स का कहना है कि चीन में आईफोन पर बैन ऐसे समय लगाया गया है जब वहां की कंपनी हुआवे ने नया महंगा स्मार्टफोन लॉन्च किया है। अमेरिका की सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह इस फोन की जांच कर रही है। इस न्यूज के बाद गुरुवार को टेक और सेमीकंडक्टर कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। इस गिरावट के बावजूद ऐपल दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बनी हुई है। उसका मार्केट कैप 2.776 ट्रिलियन डॉलर बना हुआ है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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