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इस विजयादशमी को हो जातिवाद का दहन : नरेंद्र मोदी

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नई दिल्‍ली. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दिल्ली के द्वारका के रामलीला मैदान में विजयदशमी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और रावण दहन किया. यहां जनता को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने यहां कहा कि पूरे देश को विजयदशमी की बधाई देता हूं. बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है. हम हर वर्ष रावण दहन करते हैं लेकिन इतना ही काफी नहीं है. ये पर्व संकल्पों को दोहराने का भी पर्व है. कार्यक्रम में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के अलावा एक अन्य पुतले का भी दहन किया गया था. यह पुतला महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के विरोध में तैयार किया गया. यहां पहुंचकर पीएम ने पहले पूजा अर्चना की.

पीएम मोदी ने कहा कि आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्य मंदिर बनते हुए देख रहे हैं. अयोध्या में अगली बार रामनवमी पर लोगों को हर्षित करने वाला पल होगा. पीएम मोदी ने कहा कि राम राज की परिकल्पना यही है कि जब भगवान राम अपने सिंहासन पर विराजें तो पूरे विश्व में इसका हर्ष हो और सभी कष्टों का अंत हो. ये होगा कैसे? इसलिए मैं हर देशवासी से 10 संकल्प लेने के लिए कहता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि हर देशवासी ये संकल्‍प ले-  

  1. ज्यादा से ज्यादा पानी बचाएं.
    2. ज्यादा से ज्यादा लोगों को डिजिटल लेने देन के लिए प्रेरित करें.
    3. स्वच्छता का संकल्प लेंगे.
    4. वोकल फॉर लोकल.
    5. क्वालिटी काम कराने.
    6. पहले अपना पूरा देश भ्रमण करेंगे और उसके बाद समय मिलेंगे तो विदेश देंगे.
    7. नेचुरल फार्मिंग के प्रति किसानों को प्रेरित करेंगे.
    8. सुपर फूड मिलेट्स को अपने रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करेंगे. इससे किसानों और सेहत को बहुत फायदा होगा.
    9. व्यक्तिगत स्वाथ्य के लिए फिटनेस को अपने जीवन में प्राथमिकता देंगे.
    10. हम कम से कम एक गरीब परिवार का सदस्य बनकर उसका सामाजिक और आर्थिक स्तर बढ़ाएंगे.

समाज को जाति-धर्म में बांटने वाली विकृति का हो दहन: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, “हमने कुछ सप्ताह पहले ही नई संसद के प्रवेश किया. नारी को शक्ति देने के लिए नारी वंदन बिल पेश किया. दुनिया मदर ऑफ डेमोक्रेसी देख रही है. इन सुखद क्षणों के बीच प्रभु श्रीराम राम मंदिर में विराजने जा रहे है. आजादी के 75 साल बाद भारत के भाग्य का उदय होने जा रहा है. यही वो समय भी है जब भारत को पहले से बहुत सतर्क रहना जरूरी है. हमें याद रखना है कि रावण का दहन का महज एक पुतले का ना हो. ये दहन उस विकृति जो समाज को जाति धर्म बांटने का काम करे. आने वाले 25 वर्ष भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. पूरा विश्व आज भारत को नजर टिकाए हमारे सामर्थ्य को देख रहा है. अब हमें विश्राम नहीं करना है.

साभार : न्यूज़18

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