गुरुवार, नवंबर 07 2024 | 11:59:58 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / प्रयागराज महाकुंभ मेले में जमीन आवंटन को लेकर साधु-संतों में हुआ विवाद

प्रयागराज महाकुंभ मेले में जमीन आवंटन को लेकर साधु-संतों में हुआ विवाद

Follow us on:

लखनऊ. प्रयागराज में मेला प्राधिकरण कार्यालय में गुरुवार को उस वक्त अराजक स्थिति पैदा हो गई जब अखाड़ों के दो धड़ों के संतों के बीच भूमि आवंटन को लेकर विवाद भड़क गया. इस दौरान दोनों पक्षों के संतों ने एक-दूसरे पर जमकर मुक्के बरसाए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.

भूमि आवंटन को लेकर हुआ विवाद

सूत्रों के अनुसार, यह विवाद भूमि आवंटन से जुड़ा था, जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों को लेकर आमने-सामने आ गए. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी और महामंत्री हरी गिरी की मौजूदगी में ही विवाद ने उग्र रूप ले लिया और दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ते-बढ़ते हाथापाई में बदल गई. घटना के दौरान मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने स्थिति को काबू करने की कोशिश की. हालांकि, संतों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि अधिकारियों को हस्तक्षेप करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए पहले भी प्रयास किए गए थे, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे, जिसके चलते स्थिति और बिगड़ गई. इस घटना ने मेले के वातावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है, और इसे लेकर श्रद्धालुओं में भी चिंता देखी जा रही है. मेला प्राधिकरण अब इस विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश कर रहा है ताकि आगामी आयोजनों पर इसका असर न पड़े.

साभार : जी न्यूज़

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. क्या जनकल्याण के लिए किसी की निजी संपत्ति ली जा सकती है? इस …