शुक्रवार, नवंबर 15 2024 | 09:46:20 PM
Breaking News
Home / राज्य / छत्तीसगढ़ / हिंदू महिलाओं की मांग के सिंदूर मिटाकर ‘क्रॉस’ बनाने के आरोप में तीन पादरी गिरफ्तार

हिंदू महिलाओं की मांग के सिंदूर मिटाकर ‘क्रॉस’ बनाने के आरोप में तीन पादरी गिरफ्तार

Follow us on:

रायपुर. बक्सर के बलिहार पंचायत अन्तर्गत बड़कागांव नगपुर गंगा घाट से गुरुवार की शाम मतांतरण करा रहे तीन पादरियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। ग्रामीणों से मिली सूचना के बाद गंगा घाट पर मौजूद तीनों पादरियों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ में लगी है। पकड़े गए लोगों में सामुहेल, राजू मशीह एवं रविरंजन राम का नाम शामिल हैं। सामुहेल तामिलनाडु का निवासी बताया जाता है। इस मामले में गिरिराज सिंह ने नाराजगी भी जताई है। उन्होंने पादरियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।

महिलाओं की मांग के सिंदूर धोकर क्रॉस का साइन बनाया जा रहा था

ग्रामीणों का कहना है कि अचानक गंगा घाट पर काफी भीड़ देख जब लोग पहुंचे तो वहां मौजूद तीन पुरुष लगभग 60 से अधिक महिलाओं और पुरुषों को झाड़ फूंक के माध्यम से बीमारी ठीक करने का झांसा देकर गंगा में स्नान करा रहे थे। इस दौरान तामिलनाडु से आए पादरी, महिलाओं की मांग के सिंदूर धोकर ललाट पर क्रास का निशान बना रहा था। तब मौके पर मौजूद ग्रामीणों को यह समझने में देर नहीं लगी कि हिंदू महिलाओं को बहला फुसलाकर क्रिश्चियन धर्म कबूल कराया जा रहा है।

ग्रामीणों की सूचना पर तीन पादरियों को हिरासत में लिया गया

इसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष कमलनयन पांडेय समेत पुलिस दल गंगा घाट पहुंची। पुलिस को देखते ही मतांतरण करा रहे तीनों पादरियों ने भागने का प्रयास किया, पर पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। थानाध्यक्ष ने बताया कि धर्म परिवर्तन कराए जाने की सूचना पर गंगा घाट से तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मिटाया गया महिलाओं के मांग का सिंदूर ग्रामीणों का कहना है कि हिंदू महिलाओं की मांग में जिस सिंदूर का हिंदू धर्म में काफी महत्व है उसे झाड़ फूंक के जरिए चमत्कार का झांसा देकर उसे मिटाने की साजिश रची जा रही थी।

महिलाओं से कहा गया- आज आपका नवजीवन हुआ

क्रिश्चियन धर्म का प्रभुत्व बढ़ाने वाले संगठित गिरोह के सदस्यों द्वारा बपतिस्मा देने के नाम पर महिलाओं के मांग का सिंदूर मिटाया जा रहा था। गिरोह के सदस्यों द्वारा महिलाओं से कहा गया कि आज से आपका नवजीवन हुआ है। बताते चलें कि इसाई धर्म में बपतिस्मा एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिससे जल के प्रयोग के साथ किसी व्यक्ति को चर्च की सदस्यता प्रदान की जाती है। दो साल पहले भी सिमरी में आया था ऐसा मामला इस घटना के दो साल पहले भी सिमरी में मतांतरण का मामला सामने आया था। उस दौरान भी लोगों ने राजू मसीह को पड़कर पुलिस के हवाले किया था, परंतु वह पुलिस को गुमराह कर बच निकला था।

हालांकि, थाने में उसने बाकायदा यह लिख कर दिया था कि भविष्य में ऐसी गतिविधियां संचालित नहीं करेगा, परंतु उसने इस कार्य से नाता नहीं तोड़ा और महिलाओं को दिग्भ्रमित कर मतांतरण कराता रहा।  सामाजिक कार्यकर्ताओं ने थाने में दी लिखित शिकायत विकास कुमार मिश्रा, सोनू द्ववेदी एवं दीपक मिश्रा ने इस मामले में तीन लोगों को नामजद करते हुए उनके विरुद्ध थाने में लिखित शिकायत दी है।

उनका आरोप है कि सामुहेल, राजू मशीह एवं रविरंजन राम गरीब तबके के हिंदू महिलाओं को झाड़ फूंक का हवाला देकर गंगा घाट पर धर्म परिवर्तन कर रहे थे। जब कुछ लोगों ने उनका विरोध किया तो उन्होंने गाली गलौज और हाथापाई भी किया। थानाध्यक्ष ने बताया कि लिखित शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अनुसंधान में जुट गई है। गंगा घाट पर मौजूद महिलाओं ने धर्म परिवर्तन की बात से इंकार किया है। उनका कहना है कि घर में बीमारी ठीक नहीं हो रही थी तो उपचार कराने आए थे। वरीय अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गिरिराज ने की पादरियों को सजा देने की मांग

जमुई पहुंचे गिरिराज सिंह ने कहा कि पादरी को खोजा जाए, उसे दंडित किया जाए। हिंदुओं पर चौतरफा प्रहार हो रहा है। सरकारी, सामाजिक स्तर पर हिंदुओं को विरोध करना चाहिए। गिरिराज सिंह ने कहा कि धर्म परिवर्तन का मुहिम चल रहा है। गिरिराज सिंह ने कहा कि पहले आदिवासियों के साथ छेड़छाड़ किया गया। अब गरीबों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। अब लगता है इसके लिए कठोर कानून लाने की आवश्यकता है। हर जिला इससे परेशान है। चमत्कार दिखाकर, स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर परिवर्तन करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए गिरिराज ने कहा कि महाराष्ट्र हो या झारखंड महागठबंधन वोट के लिए भारत को तहस-नहस करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जिसका नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं। उन्होंने उधव ठाकरे, राहुल गांधी और शरद पवार से प्रश्न किया कि जब मस्जिद के इमाम को 20 हजार, 15 हजार प्रति महीना देंगे तो फिर मंदिर के पुजारियों को आखिर क्यों नहीं?

साभार : दैनिक जागरण

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने के आरोप में 5 गिरफ्तार

रायपुर. देश में वंदे भारत एक्सप्रेस पर असामाजिक तत्वों की ओर से नुकसान पहुंचाने की …