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हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने वालों को कब मिलेगी सजा?

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नई दिल्ली (मा.स.स.). पैगंबर मोहम्मद के बारे में हदीस की कुछ पंक्तियां टीवी डिबेट में बोलने पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन से देश के कई हिस्से बीते शुक्रवार को जल उठे थे. लेकिन हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान का क्या? कई लोग जो सरकारी दस्तावेजों में स्वयं का धर्म हिन्दू लिखते हैं, वो भी आपत्तिजनक बाते लिखते और बोलते हैं. इनको कब सजा मिलेगी?

मातृभूमि समाचार को आज व्हाट्स ऐप पर एक ट्विटर लिंक मिला. वैसे तो यह पोस्ट 3 नवंबर 2018 का है, लेकिन इसका उल्लेख आज करना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पता चलता है कि हिन्दुओं के खिलाफ जहर लम्बे समय से घोला जा रहा है. पहले इन लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर बचाने का प्रयास किया जाता था. लेकिन आज इन्हें हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, तो फिर यदि कोई दूसरे संप्रदाय की धार्मिक किताबों का उल्लेख करके कुछ बोलता है, तो वो कैसे गलत हो सकता है?

वापस इस ट्विटर पोस्ट पर आते हैं. यह एक पोल है. इसे अनामिका नाम की अनवेरीफाइड आईडी से पोस्ट किया गया है. ये आईडी अप्रैल 2014 में बनी थी. अर्थात उसी साल जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए पहली बार चुनाव मैदान में थे. ये मात्र एक संयोग भी हो सकता है. लेकिन पोल में क्या लिखा है, इससे इसके संयोग होने की संभावना कम हो जाती है.

इस पोल में लिखा गया है कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार राम और सीता अयोध्या में 12 साल और वनवास के समय 13 साल से अधिक समय तक एक ही छत के नीचे सोये. राम को विश्वास था कि रावण ने सीता को violate किया है. इस 26 वर्ष के अच्छे वैवाहिक जीवन के बाद सीता गर्भवती हुई. इससे आपको क्या समझ में आता है? यहां वाक्य के अनुसार violate शब्द का अर्थ माता सीता के साथ रावण ने गलत किया है, यह समझ में आता है. क्योंकि जो विकल्प इस ट्विटर पोल में दिए हैं, उनमें से दो हैं राम ने मनाया ब्रह्मचर्य !!, राम शायद नपुंसक थे. इसका सीधा अर्थ यह है कि माता सीता के बच्चे का पिता रावण था.

क्या यह हिन्दू धर्म का अपमान नहीं है? पिछले लगभग 4 वर्षों से यह पोल ट्विटर पर है, लेकिन ट्विटर ने इसे हटाया नहीं है. क्या यह गलत नहीं है. अनामिका खुद को नास्तिक लिखती है. हो सकता है यह उसका वास्तविक नाम हो ही नहीं. यदि है भी तो उसको नास्तिक विचार को मानने का अधिकार है, लेकिन हिन्दू धर्म की  मान्यताओं का अपमान करने का नहीं.

इसकी ट्विटर आईडी पर एक लिंक और दिया है, जिसे खोलने पर पूरा नाम अनामिका रेड्डी आता है. इसका अर्थ यह है कि यह महिला अन्य सोशल मीडिया प्लातेफोर्म पर भी एक्टिव है. संभव है कि वो वहां पर भी इसी प्रकार हिंदुत्व को बदनाम करती होगी. जो लोग आज नूपुर शर्मा के खिलाफ बोल रहे हैं, ये लोग पिछले लगभग 4 सालों से कहां थे? यह तो एक उदहारण है, ऐसी न जाने कितनी पोस्ट सोशल मीडिया पर रोज की जाती हैं. इन पर ये लोग कभी कुछ नहीं बोलते. कब तक इस प्रकार हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का अपमान किया जाता रहेगा.

https://anamikareddy.wordpress.com/

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