शिमला (मा.स.स.). एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने आज हिमाचल प्रदेश में स्वच्छ पेयजल की सुविधा प्रदान करने और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता से जुड़ी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 96.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर के एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। हिमाचल प्रदेश ग्रामीण पेयजल सुधार एवं आजीविका परियोजना के लिए इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से आर्थिक मामले विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्र और एडीबी की ओर से भारत में एडीबी के कंट्री डायरेक्टर ताकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किए।
इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मिश्र ने कहा कि यह परियोजना भारत सरकार के जल जीवन मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप है और यह जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को उन्नत करेगी तथा सुरक्षित, टिकाऊ एवं समावेशी ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता से जुड़ी सेवाओं को सुनिश्चित करने हेतु संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करेगी। जल जीवन मिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को पाइप के जरिए जल उपलब्ध कराना है।
कोनिशी ने कहा, “इस परियोजना में एडीबी की भागीदारी जल प्रबंधन से संबंधित सर्वोत्तम कार्यप्रणाली प्रदान करेगी, संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करेगी और टैरिफ सुधार में मार्गदर्शन करेगी।” उन्होंने कहा, “ये उपाय सभी घरों में निर्बाध रूप से उपयुक्त दबाव पर जल की आपूर्ति, समावेशी स्वच्छता सेवाएं, सेवाओं के भरोसेमंद वितरण हेतु संचालन एवं रखरखाव संबंधी प्रक्रियाओं को मजबूत करने और संबंधित कर्मचारियों के क्षमता निर्माण के सरकार के उद्देश्यों को पूरा करेंगे।”
हिमाचल प्रदेश राज्य की 90 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण इलाके के लोगों को एक कुशल एवं बेहतर गुणवत्ता वाली सेवा हासिल हो सके। एडीबी की परियोजना 75,800 घरों को जल आपूर्ति की सेवा से जोड़ेगी, जिससे 10 जिलों के लगभग 3,70,000 निवासियों को निर्बाध जल आपूर्ति मिल सकेगी। जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु, इस परियोजना का लक्ष्य 48 भूजल कुओं, 80 सतह के जल के संग्रहण की सुविधाओं, 109 जल शोधन संयंत्रों, 117 पंपिंग स्टेशनों और 3,000 किलोमीटर लंबी जल आपूर्ति की पाइपलाइनों का निर्माण करना है। सिरमौर जिले में मल गाद के प्रबंधन और स्वच्छता से जुड़ा एक पायलट कार्यक्रम भी लागू किया जाएगा, जिससे 250,000 निवासियों को लाभ होगा।
यह परियोजना हिमाचल प्रदेश सरकार के जल शक्ति विभाग और ग्राम पंचायत (स्थानीय स्वशासन) स्तर की ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों की क्षमताओं को मजबूत करेगी। यह राज्य सरकारों द्वारा जल शुल्क नीति में किए गए सुधारों को समर्थन प्रदान करेगी और राज्य एवं जिला स्तर की परिसंपत्ति प्रबंधन योजनाओं में एक परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत करेगी। महिला स्वयं सहायता समूहों को आजीविका से संबंधित कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ – साथ इस परियोजना के प्रमुख हितधारकों और समुदाय आधारित संगठनों को जल प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।
एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में अत्यधिक गरीबी को मिटाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) इस इलाके को समृद्ध, समावेशी, लचीला और टिकाऊ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 1966 में स्थापित, इस संस्थान में 68 सदस्य देशों का स्वामित्व है। इनमें से 49 सदस्य देश इसी क्षेत्र से आते हैं।