शुक्रवार, अप्रैल 18 2025 | 05:29:21 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने “शी इज़ – विमेन इन स्टीम” का किया विमोचन

भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने “शी इज़ – विमेन इन स्टीम” का किया विमोचन

Follow us on:

अंतरराष्ट्रीय डेस्क (मा.स.स.). भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद और ब्रिटेन के उच्चायुक्त श्री एलेक्स एलिस ने 21 सितंबर, 2022 को “शी इज़ – विमेन इन स्टीम” पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को एल्सा मैरी डी’ सिल्वा और सुप्रीत के. सिंह ने लिखा है। ’75 विमेन इन स्टीम’ भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक और ब्रिटेन के उच्चायुक्त के साथ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर; इस पुस्तक में एसटीईएएम (स्टीम) में उनकी यात्रा के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है

भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष होने के क्रम में इस पुस्तक में एसटीईएएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, कला और गणित के क्षेत्र) की 75 महिलाओं को सम्मानित किया गया है। पुस्तक में स्टीम के क्षेत्र में सतत विकास, नेतृत्व और स्त्रीत्व का अभिनंदन किया गया है। साहस, आशा और दृढ़ता की निजी कहानियों को पेश करते हुये यह पुस्तक उन महिलाओं की निजी और व्यावसायिक संघर्षों को बयान करती है, जिन्हें आसानी से कुछ नहीं मिला। ये महिलायें, निश्चित रूप से हर उस लड़की के लिये प्रेरणा हैं, जो इन विषयों में आगे बढ़ना चाहती है। इस पुस्तक को भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय, फिक्की एफएलओ, भारत स्थित ब्रिटेन के उच्चायोग ने समर्थन दिया है। यह पुस्तक केवल लेखन प्रारूप में नहीं है, बल्कि सभी सफल नारियों के बारे में वीडियो भी है, जिसे एक क्यूआर कोड के जरिये देखा जा सकता है –

पुस्तक की लेखिकाओं एल्सा मेरी डी’ सिल्वा और सुप्रीत के. सिंह ने कहा, “कारपोरेट और विकास सेक्टर में कई वर्षों तक काम करते हुये, हमने देखा कि हर जगह, हर पैनल में पुरुषों का बोलबाला है। विभिन्न क्षेत्रों-विषयों में वही आगे हैं, जिनके निर्णयों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है। महिलाओं के योगदानों को दिलेरी के साथ नजरअंदाज कर दिया जाता है, उनकी आवाज की कोई कीमत नहीं है। हमने जब महिला, पुरुष या अन्य के साथ काम करना शुरू किया कि हम लैंगिक समानता वाला संसार बना सकें, तब हमने तय किया कि सफल नारियों की कहानियां सबके सामने लायें। इस पुस्तक में एसटीईएएम के क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं के बारे में प्रमुखता से बताया गया है, उनके योगदान का अभिनंदन किया गया है तथा उनकी यात्रा को पहचान दी गई है। उनकी यात्रा लैंगिक आधार पर हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है। भारत की स्वतंत्रता में महिलाओं के योगदान और उसके बाद उनकी सफलता व उन्नति को बहुधा कम आंका जाता है और उनका जिक्र नहीं किया जाता।”

विमोचन के अवसर पर भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद ने कहा, “राष्ट्रपति ने इस वर्ष आईआईटी दिल्ली के हीरक जयंती समारोह में कहा था कि आत्मनिर्भर भारत की रचना में भारत की युवा महिलाओं का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण होने वाला है। इसी के अनुरूप सरकार, अपनी विभिन्न नीतियों के जरिये एसटीआई इको-सिस्टम के भीतर समानता व समावेश को सांस्थानिक बनाने तथा उसे तेजी से मुख्यधारा में शामिल करने के लिये प्रयास कर रही है। हम सबके लिये जरूरी है कि हम देखें कि हमारे संस्थान नीति को उचित तरीके से क्रियान्वित करें, ताकि विज्ञान के क्षेत्र में हमारी युवतियों और महिलाओं को अधिक समतावादी और काम करने के अवसर मिलें।” उन्होंने देशभर में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं की सफलता की कहानियों को पुस्तक रूप में पेश करने के लिये ब्रिटेन के उच्चायोग और रेड डॉट फाउंडेशन को बधाई दी।

भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त श्री एलेक्स एलिस ने कहा, “महिलाओं और नई आयु की लड़कियों सहित सबको अवसर प्रदान करने से हर देश मजबूत और बुद्धि सम्पन्न होता है। इसीलिये ब्रिटेन की सरकार ने एसटीईएएम में 300 से अधिक भारतीय महिला वैज्ञानिकों और नवोन्मेषियों का समर्थन किया है, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर सकें। लेकिन, अभी बहुत रास्ता तय करना है और मैं आशा करता हूं कि यह पुस्तक महिला नेतृत्वकारियों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करेगी। यही कारण है कि हम भारत सरकार और रेड डॉट फाउंडेशन के साथ सहकार कर रहे हैं।”

एएलओ की अध्यक्ष जयंती डालमिया ने कहा, “महिलाओं के लिये समानता सबकी प्रगति है। इन सेक्टरों तक पहुंच बनाने, इनसे लाभान्वित होने, इन क्षेत्रों का विकास करने, उन पर प्रभाव डालने में महिलाओं की क्षमता का पारावार नहीं। हमारे सामूहिक प्रयास के दो लक्ष्य हैं – पहला यह कि रोल मॉडलों की रचना और उनका अभिनंदन तथा दूसरा देश के समावेशी और सतत विकास को हासिल करने के लिये महिलाओं की क्षमता का उपयोग करना।” पुस्तक के प्रकाशक बियॉन्ड ब्लैक एक सामाजिक उद्यम है, जो कला, पुस्तकों, काव्य, फिल्मों और कार्यक्रमों के जरिये विविधता और समावेशिता को प्रोत्साहित करता है।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15

https://www.meesho.com/hindi-paperback-history-books/p/2r4nct

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

भारत के वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ बांग्लादेश में हुआ प्रदर्शन

ढाका. बांग्लादेश की यूनुस सरकार भारत के खिलाफ गतिविधियां करने से पीछे नहीं हट रही …

News Hub