कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने आरोप लगाया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत मिलने वाला फंड केंद्र सरकार ने रोक रखा है। इसी की मांग को लेकर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों, नेताओं और प. बंगाल सरकार के कुछ मंत्रियों ने मंगलवार को दिल्ली में धरना-प्रदर्शन दिया। बाद में उनकी मुलाकात केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से होनी थी। मुलाकात तो नहीं हो पाई, लेकिन दोनों तरफ से राजनीति खूब हो रही है। एक तरफ केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति ने दावा किया कि वो अपने दफ्तर में टीएमसी प्रतिनिधिमंडल का घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन कोई नहीं आया। वहीं, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ज्योति को जवाब देते हुए उन्हें झूठा बताया और कहा कि उन्होंने टीएमसी नेताओं को तीन घंटे तक इंतजार करवाया और खुद चुपके से निकल गईं। बाद में मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर वीडियो डाला जिसमें उन्हें कुछ मार्शल टांगकर ले जा रहे हैं।
कृषि भवन में जुटे टीएमसी नेताओं को पुलिस ने निकाला
दरअसल, टीएमसी नेता मंगलवार को कृषि भवन में जुटे जिन्हें रात में बाहर निकाल दिया गया। महुआ मोइत्रा अड़ गईं तो उन्हें उठाकर पुलिस वैन में लाया गया। कृषि भवन में टीएमसी के करीब 40 नेताओं में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और डोला सेन भी शामिल थे। उन्हें कृषि भवन से बसों से हिरासत में लिया गया था। टीएमसी प्रतिनिधिमंडल को शाम छह बजे केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलना था। लेकिन, केंद्रीय मंत्री प्रतिनिधिमंडल के समय पर नहीं पहुंचने का दावा करते हुए दफ्तर से चली गईं। इसके बाद अभिषेक बनर्जी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वो हमसे नहीं मिलेंगी तो हम यहां से नहीं हटेंगे। इसके बाद भारी संख्या में पहुंचे पुलिस बल ने कृषि भवन से तृणमूल प्रतिनिधियों को हटाया।
केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेताओं का आरोप-प्रत्यारोप
इस पूरी घटनाक्रम पर एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने का सिलसिला चल पड़ा। केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि प. बंगाल के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ढाई घंटे तक इंतजार करवाया, फिर भी नहीं आए। इस पर महुआ मोइत्रा ने उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। मोइत्रा ने एक्स पर ही दिए अपने जवाब में कहा, ‘माफ करें साध्वी निरंजन ज्योति, आप झूठ बोल रही हैं (और मैं विनम्र हूं)। आपने हमारे प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय दिया। आपने एक-एक नाम चेक किए और फिर हमें प्रवेश की अनुमति देने से पहले हरेक की जांच की। हमें 3 घंटे तक इंतजार कराया और फिर पिछले दरवाजे से भाग गईं।’
केंद्रीय मंत्री का टीएमसी नेताओं पर हमला
बाद में केंद्रीय मंत्री ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘संबंधित मीटिंग के तय विषयों से वे पीछे हट गए, क्योंकि उनका उद्देश्य मुलाकात करना नहीं था, उनकी मंशा राजनीति करने की थी। तृणमूल नेताओं ने बहुत शर्मनाक काम किया है।’ प. बंगाल के कृष्णानगर लोकसभा सीट से सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि केंद्र बंगाल से टैक्स वसूली तो कर रहा है, लेकिन राज्य का बकाया नहीं दे रहा है।
फंड को लेकर भीड़ी टीएमसी और बीजेपी
टीएमसी नेता ने कहा, ‘हम यहां भीख मांगने नहीं आए हैं, बल्कि अपने अधिकार मांगने आये हैं… ममता बनर्जी केवल बंगाल के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए लड़ रही हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘वे सभी लोग, जो भाजपा और मोदीजी के करीब हैं, वे मजदूर के रूप में काम नहीं करते। ये गरीब लोग हैं, जिन्होंने काम किया लेकिन मेहनताना नहीं मिला। आवास योजना के तहत घर पाने के हकदार 11 लाख लोगों को पैसे नहीं मिले।’ उधर, बंगाल के ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार ने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने 7 नवंबर, 2022 को आश्वस्त किया था कि फंड जारी करेंगे, लेकिन आज तक पैसे नहीं मिले।
मंत्री निरंजन ज्योति से मिले सुवेंदु
वहीं, पश्चिम बंगाल भाजपा के दिग्गज नेता एवं राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को प्रदेश में मनरेगा में हुए घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) से करवाने का आग्रह किया है। इसके बाद सुवेंदु अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के बड़े नेता अभिषेक बनर्जी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि इस व्यक्ति को जेल जाना चाहिए और पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार कोई भेदभाव नहीं करती बल्कि राजधर्म का पालन करती है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल को ज्यादा फंड दिया है लेकिन इसमें घोटाला किया गया है और इसलिए चोर को जेल जाना चाहिए।
दरअसल, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह मंगलवार को दिल्ली में मौजूद नहीं थे जिस कारण प. बंगाल के प्रतिनिधिमंडल और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य मंत्री निरंजन ज्योति से मुलाकात का वक्त मांगा था। ध्यान रहे कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की केंद्र सरकार पर मनरेगा के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत राज्य का 15 हजार करोड़ रुपये बकाया रखने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा का कहना है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में घोटालों से ध्यान भटकाने के लिए दिल्ली में ‘नाटक’ कर रही है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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