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पेपरफ्राई के सीईओ अंबरीश मूर्ति का दिल का दौरा पड़ने से मौत

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लेह. पेपरफ्राई के को-फाउंडर और CEO अंबरीश मूर्ति का 51 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह लेह में थे जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा। अंबरीश ने 2011 में आशीष शाह के साथ मुंबई में फर्नीचर और होम डेकोर कंपनी की स्थापना की थी। वह IIM कलकत्ता के पूर्व छात्र और ट्रैकिंग के शौकीन थे। पेपरफ्राई से पहले अंबरीश ईबे में कंट्री मैनेजर थे।

पेपरफ्राई के एक और को-फाउंडर आशीष शाह ने एक X पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए लिखा- ‘यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि मेरे दोस्त, मेंटर, भाई अंबरीश मूर्ति अब नहीं है। कल रात लेह में दिल का दौरा पड़ने से हमनें उन्हें खो दिया। कृपया उनके लिए और उनके परिवार और प्रियजनों को शक्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना करें।’

ट्रैकिंग के शौकीन थे अंबरीश मूर्ति
अंबरीश मूर्ति का जन्म 10 सितंबर 1971 में हुआ था। उन्हें बाइकिंग और ट्रैकिंग पसंद थी। छुट्टियों के लिए वो अकसर बाइक से लद्दाख जाते थे। उन्होंनें एक इंटरव्यू में बताया था कि जंस्कार वैली के चादर ट्रैक में उनका ट्रैकिंग एक्सपीरिएंस उनके सबसे अच्छे अनुभवों में से एक था।

1996 में IIM से MBA किया, फिर 2011 में खुद की कंपनी खोली

  • अंबरीश ने 1990-1994 में दिल्ली टेक्नॉलॉजिकल यूनिवर्सिटी से सिवल इंजीनियरिंग की। इसके बाद 1994-1996 में IIM कलकत्ता से MBA पूरा किया। फिर कैडबरी में मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर शामिल हो गए। कंपनी ने उन्हें एरिया सेल्स मैनेजर बनाकर केरल भेज दिया। करीब 5 साल बाद 2001 में उन्होंने कैडबरी छोड़ दी।
  • फिर अंबरीश ने 2 साल तक ICICI प्रूडेंशियल AMC में म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट लॉन्च करना सीखा। साल 2003 में उन्होंने एक वित्तीय प्रशिक्षण उद्यम, ओरिजिन रिसोर्स शुरू करने के लिए नौकरी छोड़ दी। उसमें उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली और 2005 में ब्रिटानिया में मार्केटिंग मैनेजर के तौर कॉर्पोरेट वर्ल्ड में उन्होंने वापसी की।
  • 7 महीने बाद ही वह ईबे इंडिया में चले गए और दो साल के भीतर वह भारत, फिलीपींस और मलेशिया के कंट्री हेड बन गए। वो जानते थे की भारत में ई-कॉमर्स का कारोबार तेजी से बढ़ने वाला है, लेकिन ईबे भारतीय कारोबार में निवेश नहीं करना चाहता था, इसलिए उन्होंने खुद का स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया।
  • साल 2011 में उन्होंने आशीष शाह के साथ के साथ होम डेकोर और फर्नीचर के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पेपरफ्राई की शुरुआत की। उन्हें पूरी तरह से यकीन नहीं था कि ग्राहक अभी इसके लिए तैयार है। इसलिए लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट बेचे। 2013 में, जब उन्हें लगा कि फर्नीचर-होम डेकोर बिजनेस में उनकी पकड़ अच्छी है तो इसी पर फोकस किया।
  • पेपरफ्राई के बारे में जानिए…
    पेपरफ्राई शुरुआत में ज्वैलरी, कपड़े जैसे प्रोडक्ट बेचा करता था। 2012 के अंत में पेपरफ्राई ने फर्नीचर और होम डेकोर कंपनी बनने का फैसला किया। पेपरफ्राई के को-फाउंडर आशीष शाह बताते हैं कि वर्तमान में उनका 50% बिजनेस मार्केट प्लेस से आता है, बाकी प्राइवेट लेबल या डी2सी ब्रांडों से आता है। 2014 में उसने अपना पहला एक्सपीरियंस स्टूडियो खोला था।
  • अभी उसके लगभग 125 शहरों में 210 से ज्यादा स्टूडियो है। 210 स्टोरों में से लगभग 60 स्टोर कंपनी के स्वामित्व वाले और कंपनी ऑपरेटेड हैं, जबकि शेष 150 स्टोर फ्रेंचाइजी के स्वामित्व वाले और फ्रेंचाइजी ऑपरेटेड हैं। पेपरफ्राई के पास लगभग 100,000 प्रोडक्ट का कैटेलॉग है, जिनमें से लगभग 20,000 फर्नीचर हैं।

साभार : दैनिक भास्कर

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