सोमवार , मई 06 2024 | 11:32:17 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / पाकिस्तान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने बलूचिस्तान से सांसद अनवर उल हक

पाकिस्तान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने बलूचिस्तान से सांसद अनवर उल हक

Follow us on:

इस्लामाबाद. अनवर-उल-हक काकर (Anwar-Ul-Haq Kakar) को पाकिस्तान का नया कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया है। निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विपक्ष के नेता राजा रियाज ने दो दौर के विचार-विमर्श के बाद उनके नाम को अंतिम रूप दिया। काकर बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता हैं। वे इस साल के अंत में नए चुनाव तक कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व करेंगे।

रियाज ने सुझाया अनवर-उल-हक का नाम

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए रियाज ने कहा, “हमने तय किया कि अंतरिम प्रधानमंत्री एक छोटे प्रांत से होगा।” उन्होंने कहा कि अनवर-उल-हक का नाम उन्होंने ही सुझाया था, जिसे मंजूरी दे दी गई।

राष्ट्रपति ने शरीफ को लिखा पत्र

यह घटनाक्रम तब हुआ, जब राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने पीएम शहबाज को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्हें और विपक्षी नेता को 12 अगस्त (शनिवार) तक अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए ‘उपयुक्त व्यक्ति’ का सुझाव देने की याद दिलाई गई। पीएम शहबाज़ और रियाज़ दोनों को लिखे पत्र में, राष्ट्रपति ने उन्हें सूचित किया कि अनुच्छेद 224ए के तहत उन्हें नेशनल असेंबली के विघटन के तीन दिनों के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए एक नाम प्रस्तावित करना है। राष्ट्रपति ने लिखा, जैसा कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 (1ए) में प्रावधान है, प्रधानमंत्री और निवर्तमान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता 12 अगस्त से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए एक उपयुक्त व्यक्ति का प्रस्ताव कर सकते हैं।

नेशनल असेंबली कब भंग की गई?

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अनिवार्य कार्यकाल से तीन दिन पहले नौ अगस्त को नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश की थी। इसलिए, संविधान के अनुसार, अगला आम चुनाव 90 दिनों में होगा। शाहबाज को आर्मी ने फेयरवेल दिया था, जिसके बाद उन्होंने संसद भंग करने की घोषणा की थी। चुनाव में कुछ महीनों की देरी होने की उम्मीद है, क्योंकि नई जनगणना के नतीजों को निवर्तमान सरकार ने मंजूरी दे दी है, जिससे चुनाव से पहले परिसीमन करना एक संवैधानिक दायित्व बन गया है।

अनवर-उल-हक कौन हैं?

जियो न्यूज के मुताबिक, अनवर-उल-हक बलूचिस्तान के नेता हैं। वे 2018 में सीनेट के लिए चुने गए थे। उच्च सदन के लिए चुने जाने से पहले उन्होंने प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया है। काकर पश्तून और बलूच दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके पीएमएल-एन और पीपीपी सहित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के साथ भी अच्छे संबंध हैं। 2008 में अनवर-उल-हक ने क्यू-लीग के टिकट पर क्वेटा से नेशनल असेंबली का चुनाव लड़ा। उनके पास राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री है। उन्होंने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।

साभार : दैनिक जागरण

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

चीन, सियाचिन ग्लेशियर के पास बना रहा है सड़क, तस्वीरों से हुआ खुलासा

बीजिंग. चीन सियाचिन ग्लेशियर के करीब अवैध रूप से कब्जे वाले कश्मीर के एक हिस्से …