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इजरायल ने हमास की संसद पर फहराया अपना झंडा, की जीत की घोषणा

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गाजा. हमास और इजरायल के बीच जंग को अब तक 100 दिन हो चुके हैं। इजरायल की सेनाएं लगातार गाजा में अस्‍पताल और दूसरे ठिकानों को निशाना बना रही हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) की तरफ से अब एक नई फोटोग्राफ शेयर की गई है। इस फोटो में नजर आ रहा है कि इजरायली सैनिकों ने हमास की संसद पर कब्‍जा कर लिया है। फोटो से यह संकेत भी मिलता है कि कहीं न कहीं हमास का कंट्रोल गाजा में कमजोर पड़ रहा है। सात अक्‍टूबर को हमास ने इजरायल पर अचानक हमला बोला था। इसमें 1400 लोगों की मौत हो गई थी। हमले के बाद इजरायल ने बदला लेने की कसम खाई थी।

रक्षा मंत्री गैलेंट ने लिया जायजा
येरूशलेम पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईडीएफ के गोलानी ब्रिगेड के सैनिकों ने सोमवार को एक ऐतिहासिक तस्वीर पोस्‍ट की है। इस फोटो में गाजा में हमास संसद भवन के अंदर इजरायल का झंडा दिखाया गया है। फोटो में सैनिकों की टीम को आतंकवादी संगठन के संसद भवन में गर्व से इजरायली झंडे लहराते हुए देखा जा सकता है। रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने हालातों का जायजा लिया। इसमें उन्‍होंने गाजा में लड़ाई में आईडीएफ सैनिकों की प्रगति पर जोर दिया।

हमास ने गंवाया नियंत्रण
गैलेंट ने कहा, ‘आईडीएफ बल एक योजना के अनुसार काम कर रहे हैं और सटीक खुफिया जानकारी का उपयोग करते हुए सटीकता, घातकता और हवा, समुद्र और जमीनी सेनाओं के बीच तालमेल के साथ मिशन को अंजाम दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि हमास के पास ऐसी कोई ताकत नहीं है जो आईडीएफ को रोक सके। आईडीएफ हर बिंदु पर आगे बढ़ रहा है। हमास ने गाजा पर नियंत्रण खो दिया है, आतंकवादी दक्षिण से भाग रहे हैं, नागरिक हमास के ठिकानों को लूट रहे हैं, और उन्हें सरकार पर कोई भरोसा नहीं है।

रिहा होंगे 50 बंधक
हमास की सैन्य शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने कहा है कि उसने मध्यस्थों को पांच दिवसीय युद्धविराम के बदले गाजा में बंधक बनाए गए 50 महिलाओं और बच्चों को रिहा करने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अल-कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा ने सोमवार को अपने टेलीग्राम चैनल पर एक संदेश में कहा कि ‘कतरी मध्यस्थों ने 200 फिलिस्तीनी बच्चों और 75 महिलाओं को रिहा करने के बदले में इजरायली बंदियों को रिहा करने का प्रयास किया है।’ उसने इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष विराम से हमले पर रोक सुनिश्चित होनी चाहिए। उसका कहना था कि इजरायल के हमले से बंदियों का जीवन को खतरे में पड़ सकता है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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