नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान पीएम-जनमन (PM PVTG Mission) को लॉन्च किया है. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि विकसित भारत के संकल्प का एक प्रमुख आधार पीएम जनमन या पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने आदिवासी समाज के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया और एक अलग बजट आवंटित किया. पीएम मोदी ने बताया कि आदिवासी कल्याण का बजट पहले की तुलना में 6 गुना बढ़ाया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम जनमन के तहत सरकार आदिवासी समूहों और आदिम जनजातियों तक पहुंचेगी, जिनमें से अधिकांश अभी भी जंगलों में रहते हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने लाखों की आबादी वाले 75 ऐसे आदिवासी समुदायों और आदिम जनजातियों की पहचान की है जो देश के 22 हजार से अधिक गांवों में रहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘पहले की सरकारें आंकड़ों को जोड़ने का काम करती थीं, लेकिन मैं आंकड़ों को नहीं, जिंदगियों को जोड़ना चाहता हूं. इस लक्ष्य के साथ, पीएम जनमन शुरू हो गया है.’ केंद्र सरकार इस महा अभियान पर 24,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. इसके अलावा पीएमजेएवाई, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीबी उन्मूलन, शत-प्रतिशत टीकाकरण, पीएम सुरक्षित मातृत्व योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, पीएम पोषण, पीएम जनधन योजना आदि के लिए अलग से इन जनजातियों का पूरा विकास सुनिश्चित किया जाएगा.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आदिवासी योद्धाओं ने देश के हर कोने में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और ऐसी शख्सियतों की उपेक्षा पर दुख जताते हुए अमृत महोत्सव के दौरान इन नायकों को याद करने पर संतोष जताया. प्रधानमंत्री विशेष कमजोर जनजातीय समूह (पीएम पीवीटीजी) विकास मिशन’ अपनी तरह की पहली पहल’ है जो देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में रहने वाली 75 पीवीटीजी को कवर करेगी. जो 22,544 गांवों (220 जिलों) में रहते हैं और उनकी आबादी लगभग 28 लाख है. ये जनजातियां जंगलों में अक्सर बिखरी हुई, सुदूर और दुर्गम बस्तियों में रहती हैं.
इसलिए लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बजट वाले एक मिशन के जरिये पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली पहुंचाने, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक इन जनजातियों की बेहतर पहुंच बनाने और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाओं और जरूरतों को पूरा करने का काम किया जाने वाला है.
साभार : न्यूज़18
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