नई दिल्ली. मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार से शुक्रवार (21 जुलाई) को जवाब मांगा. जस्टिस बी आर गवई और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ ने कहा कि मामले में अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी.
गुजरात हाई कोर्ट ने मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उनकी दोषसिद्धि (दो साल की सजा) पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था. इसको लेकर ही राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसी बीच जस्टिस बी आर गवई ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि मेरे सुनवाई करने से किसी पक्ष को कोई आपत्ति तो नहीं है?
जस्टिस बी आर गवई ने अपने पिता और भाई का किया जिक्र
न्यायमूर्ति गवई ने राहुल गांधी का पक्ष रख रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्णेश मोदी की तरफ से पेश वकील महेश जेठमलानी से कहा कि उनके दिवंगत पिता आर एस गवई भले ही कांग्रेस के सदस्य नहीं थे, लेकिन वह 40 सालों से अधिक समय तक पार्टी से जुड़े हुए थे और उसके समर्थन से संसद सदस्य और विधायक चुने गए थे.
उन्होंने कहा कि उनके भाई भी एक नेता हैं. वो आज भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. ऐसे में उन्होंने सवाल किया, “अगर किसी को मेरी (पारिवारिक) पृष्ठभूमि से कोई समस्या है, तो कृपया मुझे बताएं.” इस पर सिंघवी और जेठमलानी ने कहा कि वे ये जानते हैं. उन्हें जस्टिस गवई के इस मामले की सुनवाई करने पर कोई आपत्ति नहीं है.
मामला क्या है?
राहुल गांधी ने 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’’ इस पर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. मामले में फैसले के बाद राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
साभार : एबीपी न्यूज़
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