नई दिल्ली (मा.स.स.). भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन के अंतर्गत भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र की क्षमताओं के प्रदर्शन के लिए सरकार, भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ मिलकर पहली तीन दिवसीय आईएमटीई-23 प्रदर्शनी अब गांधी नगर में आयोजित करेगी। ये प्रदर्शनी अगस्त 2023 में जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के साथ होगी। इस दौरान भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग की क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। भारत में इस क्षेत्र के विकास और वैश्विक स्तर पर इसके संभावित योगदान के लिए अवसर जुटाने और सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है।
फार्मास्यूटिकल्स विभाग, चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय स्तर का एक्सपो आयोजित करने की योजना बना रहा है। यह तीन दिवसीय सम्मेलन 18-20 अगस्त, 2023 तक गुजरात के गांधी नगर में हेलीपैड प्रदर्शनी केंद्र में होगा। जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक 17-19 अगस्त, 2023 से गांधी नगर में निर्धारित है। जनवरी 2023 में इंडिया मेडटेक एक्सपो को मेडटेक उद्योग से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के साथ अगस्त 2023 में इसके आयोजन की योजना से इस उभरते हुए संभावनाओं से भरपूर क्षेत्र को बहुत बढ़ावा मिलेगा। फार्मास्यूटिकल्स विभाग- पीएलआई योजना, मेडिकल डिवाइस पार्क योजना जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से इसे समर्थन दे रहा है। स्वास्थ्य सेवा बाजार में सभी क्षेत्रों में चिकित्सा उपकरण उद्योग सर्वोपरि है और उपभोग्य सामग्रियों से प्रत्यारोपण तक उपकरणों की विभिन्न श्रेणियों का निर्माण भारत में किया जा रहा है। पीएलआई योजना के समर्थन से देश में सीटी स्कैन, एमआरआई, लिनाक (LINAC) कैंसर के रोगियों के लिए उपयोग किया जाने वाला (चिकित्सा रैखिक त्वरक) जैसे अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों का निर्माण देश में ही किया जा रहा है।
एक्सपो में लगभग 150 से अधिक स्टार्ट-अप, 275 से अधिक भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण कंपनियां व लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) इकाइयां और लगभग 50 अनुसंधान संस्थान भाग लेंगे। लगभग 200 विदेशी क्रेता बी2बी कार्यक्रम में भाग लेंगे। भारत में चिकित्सा उपकरणों का वर्तमान बाजार लगभग 11 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है। भारत में यह क्षेत्र पिछले दशक में 10-12 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ विकास के मार्ग पर अग्रसर है। वर्ष 2030 तक इसके 50 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। प्रस्तावित एक्सपो दुनिया के समक्ष चिकित्सा उपकरणों के पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करेगा करेगा और भारतीय मेडटेक क्षेत्र के लिए एक ब्रांड पहचान बनाएगा।
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