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भाजपा में शामिल हुए पूर्व वायु सेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया

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नई दिल्ली. एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं. देश में लोकसभा चुनाव के बीच भदौरिया ने अपने सियासी सफर की शुरुआत की है. वायु सेना के रिटायर्ड चीफ मार्शल भदौरिया का जन्म 15 सितंबर 1959 को हुआ. भदौरिया ने 30 सितंबर 2019 को चीफ का पद संभाला जबकि 2021 में वो रिटायर हुए.

भदौरिया आगरा जिले के एक गांव कोरथ के रहने वाले हैं. साल 2016 में लड़ाकू विमान राफेल को फ्रांस से खरीदने में इन्होनें बातचीत में मुख्य भूमिका निभाई. उप वायु सेना प्रमुख नियुक्त होने से पहले भदौरिया भारतीय वायु सेना के बेंगलुरु स्थित प्रशिक्षण कमान (Bengaluru-based Training Command) का नेतृत्व कर रहे थे. भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख के रूप में वह फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे के लिए भारतीय बातचीच दल के अध्यक्ष थे. भदौरिया को 15 जून, 1980 को ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ के साथ वायु सेना की लड़ाकू विंग में नियुक्त किया गया था.

कई पद संभाले

भदौरिया कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे, जैसे कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के कमांडेंट, मध्य वायु कमान में वरिष्ठ वायु कर्मचारी अधिकारी और जनवरी 2016 से 2017 तक वायु सेना के उप प्रमुख की भूमिका निभाई. उन्होंने वायु अधिकारी के रूप में भी कार्य किया. 1 मार्च, 2017 से कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी), दक्षिणी वायु कमान का पद संभाला. उन्होंने 1 अगस्त, 2018 को बेंगलुरु स्थित ट्रेनिंग कमान के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला.

4250 घंटे फ्लाइंग का अनुभव

भदौरिया ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) का उपयोग करके जगुआर विमान (Jaguar aircraft) से बमबारी करने का एक तरीका तैयार किया. भदौरिया के पास 26 तरह के लड़ाकू विमानों और परिवहन विमानों पर 4,250 घंटे का फ्लाइंग का अनुभव है. वह राफेल उड़ाने वाले कुछ वायु सेना पायलटों में से एक हैं. जुलाई 2019 में भारत और फ्रांस की वायु सेना के बीच अभ्यास के दौरान भदौरिया ने राफेल विमान उड़ाया था. वहीं भदौरिया को परम विशिष्ट सेवा पदक साथ ही अति विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया है. भदौरिया के पिता सूरज पाल सिंह भदौरिया ने भी भारतीय वायु सेना में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के रूप में सेवा की और मास्टर वारंट ऑफिसर के पद पर पहुंच कर रिटायर हुए.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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