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स्थानीय लोगों की मदद से आतंकवादियों ने दिया था गांदरबल हमले को अंजाम

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जम्मू. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल अटैक केस में अहम जानकारियां मिली हैं। NIA ने मंगलवार को बताया कि इस हमले के लिए आतंकवादियों को लोकल सपोर्ट मिला था। गांदरबल के गगनगीरल इलाके में 20 अक्टूबर की रात आतंकवादियों ने मजदूरों के कैंप पर हमला किया था। इस हमले में बड़गाम के डॉक्टर शहनवाज समेत बिहार और पंजाब के 6 मजदूरों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।

गांदरबल अटैक पर नई जानकारी NIA ने CCTV फुटेज खंगाले और हमले में बचे लोगों से बातचीत की। NIA को आशंका है कि लोकल सपोर्ट के जरिए आतंकियों को हमले और फरार होने के लिए गाड़ी मिली। हमले से पहले रेकी की गई थी। आतंकवादियों के पास ये पुख्ता जानकारी थी कि कैंप में तैनात गार्ड्स के पास हथियार नहीं हैं। कैंप में सुरक्षा भी कमजोर है। सूत्रों के मुताबिक, कुलगाम के स्थानीय ने लश्कर-ए-तैयबा जॉइन कर लिया था। 2023 में वो अपने घर से लापता हो गया। उसे ही NIA गांदरबल अटैक मुख्य आरोपी मान रही है। CCTV फुटेज में 2 आतंकियों की कैंप में एंट्री की तस्वीरें सामने आई हैं। इनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।

इन दोनों आतंकियों के पास अमेरिकन M-4 राइफल और एके-47 नजर आ रही है। ये आतंकी 7 मिनट तक कैंप के भीतर रहे और हमले के बाद फरार हो गए। जब NIA ने इन फोटोज को दूसरी एजेंसियों से शेयर किया और पूछताछ की, तो इनमें से एक आतंकवादी की शक्ल उस शख्स से मिलती-जुलती बताई गई, जो 2023 में अपने घर से लापता हो गया था। चश्मदीद ने कहा था- दो आतंकी शॉल ओढ़कर आए, मजदूर खाना खा रहे थे हमले के एक चश्मदीद ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को बताया था, “गांदरबल के गगनगीर में श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे की टनल कंस्ट्रक्शन साइट के पास मजदूरों के रहने के लिए कैंप बनाया गया था।

इसी कैंप में 2 आतंकी शॉल ओढ़कर आए थे। उन्होंने हथियार छिपा रखे थे। कैंप के मेस में मजदूर खाना खा रहे थे, तभी आतंकी वहां पहुंचे और उन्होंने मजदूरों पर फायरिंग की। आतंकियों ने मेस के अलावा 2 और जगहों पर फायरिंग की। हमले के दौरान अंधेरा हो गया था। हमने लगातार गोलियों की आवाज सुनी। हमें लगा कि ये पटाखे हैं, क्योंकि 100 मीटर की दूरी पर एक शादी समारोह चल रहा था।” हमले की जिम्मेदारी लेने वाला TRF 370 हटने के बाद एक्टिव TRF को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि TRF को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ने बनाया है। इसमें लश्कर और जैश का कैडर शामिल है। यह संगठन कश्मीरियों, कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं की हत्या की कई घटनाओं में शामिल है।

2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद TRF ज्यादा एक्टिव हो गया है। हमलों की जिम्मेदारी लश्कर नहीं, बल्कि TRF लेता है। कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों, सरकारी अफसरों, नेताओं और सिक्योरिटी फोर्सेस को निशाना बनाता है।

अखनूर में 2 दिन एनकाउंटर, 3 आतंकी ढेर, K-9 डॉग फैंटम शहीद

जम्मू-कश्मीर के अखनूर में सोमवार को शुरू हुआ एनकाउंटर 27 घंटे बाद मंगलवार को करीब 10 बजे खत्म हो गया। (LoC) के पास भट्टल इलाके के जंगल में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकवादियों को ढेर कर दिया। कल एक आतंकवादी की बॉडी मिली थी आज 2 और टेररिस्ट की बॉडी रिकवर की गई है। एनकाउंटर में सेना के K-9 स्क्वॉड के डॉग फैंटम को भी गोली लगी। फैंटम डॉग भी शहीद हो गया।

साभार : दैनिक भास्कर

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