नई दिल्ली. खेल मंत्रालय ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) पर लगा निलंबन हटा लिया है। पूर्व WFI प्रमुख और भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मंत्रालय के इस फैसले को खिलाड़ियों की जीत करार दिया।
बृजभूषण सिंह ने कहा- यह संघर्ष करीब 26 महीने तक चला और आज कुश्ती महासंघ को सरकार ने बहाल कर दिया है। इसलिए हम सरकार और खेल मंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं। अगर इससे किसी को नुकसान हुआ है तो वो खिलाड़ी और जूनियर खिलाड़ी हैं, जो साजिशकर्ता इसमें शामिल थे, उनकी मंशा पूरी नहीं हुई। हम तो यही कहेंगे कि महासंघ को पहले होने वाले सभी कुश्ती टूर्नामेंट कराने चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा- कुश्ती संघ के कार्यालय से अब कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन खेल और खिलाड़ियों के हित में हमारी भूमिका बनी रहेगी। कुश्ती संघ में उत्तर प्रदेश की पकड़ बनी हुई है। चाहे संजय सिंह हों, करण भूषण सिंह रहे हों या बृजभूषण शरण सिंह, कुश्ती संघ में उत्तर प्रदेश का ही कब्जा रहा है।
26 महीने तक कुश्ती संघ को नुकसान पहुंचाया गया
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि 26 महीने तक तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए। भारतीय कुश्ती संघ को ठप करने की कोशिश हुई। खिलाड़ी भ्रमित हुए, झूठे आरोप लगाए गए, लेकिन साजिश रचने वाले अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। उन्होंने दावा किया कि इस विवाद की वजह से दो वर्ल्ड रैंकिंग की टीमें बाहर नहीं जा पाईं। लड़कों और लड़कियों के कैंप बंद रहे। भारतीय कुश्ती को भारी नुकसान उठाना पड़ा। नए अध्यक्ष संजय सिंह और सभी पदाधिकारियों से अपील है की कि वे खिलाड़ियों को बराबरी का मौका दें और भेदभाव न होने दें। सरकार से मिलकर कैंप लगवाने और टूर्नामेंट शुरू करवाने की दिशा में तेजी लानी चाहिए।
अब कोई भेदभाव न हो, पारदर्शी ट्रायल हो
बृजभूषण सिंह ने कहा- 18 जनवरी 2023 को कुछ कथित खिलाड़ियों ने मेरे इस्तीफे की मांग की थी, जिसे बाद में यौन उत्पीड़न के आरोपों में बदल दिया गया। यह पूरा आंदोलन सिर्फ इसलिए खड़ा किया गया कि कुश्ती संघ में उत्तर प्रदेश का व्यक्ति क्यों है? बृजभूषण शरण सिंह क्यों है? आरोप झूठे हैं और अब यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बृजभूषण शरण सिंह ने इसे सिर्फ कुश्ती संघ ही नहीं, बल्कि भारतीय खेल जगत के लिए भी बड़ा फैसला बताया। उन्होंने कहा- होली से पहले यह कुश्ती से जुड़े सभी लोगों के लिए एक तोहफा है। कई खेल संघों में ऐसी स्थिति बनी हुई थी, लेकिन अब न्याय हुआ है।
खेल मंत्रालय ने क्यों किया था निलंबित?
- खेल मंत्रालय ने अंडर-15 (U-15) और अंडर-20 (U-20) राष्ट्रीय चैंपियनशिप की जल्दबाजी में घोषणा करने के लिए WFI को 24 दिसंबर, 2023 को निलंबित कर दिया था। संजय सिंह के नेतृत्व वाले पैनल ने 21 दिसंबर, 2023 को चुनाव जीता था, लेकिन पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के गढ़ गोंडा के नंदिनी नगर में नेशनल चैंपियनशिप के लिए वेन्यू के चुनाव ने सरकार को नाराज कर दिया था।
- कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ( UWW) ने भी पिछले साल संजय सिंह की अगुआई वाली WFI से निलंबन हटा दिया था। इसके बाद भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने भारत में कुश्ती का दैनिक कार्य देख रही भूपेंद्र सिंह बाजवा के नेतृत्व वाले तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय लिया था।
- WFI की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष संजय सिंह को भले ही UWW और IO से राहत मिल गई थी, लेकिन केंद्र सरकार से उन्हें राहत मिलने का इंतजार था, जो अब जाकर पूरा हुआ। सरकार ने WFI पर नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कार्रवाई की थी और चुनाव संपन्न होने के तीन बाद ही WFI को निलंबित कर दिया गया था।
संजय सिंह बृजभूषण के वफादार
संजय सिंह WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी और वफादार हैं। उनकी जीत पर दबदबा है, दबदबा रहेगा…नारा खूब गूंजा था। बृजभूषण सिंह के बेटे और भाजपा विधायक प्रतीक भूषण शरण सिंह ने पोस्टर लहराए थे। गौरतलब है कि सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए निवर्तमान WFI प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर 2023 में विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने दिसंबर 2023 में महासंघ के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए हुए चुनावों को रद्द करने और उन्हें अवैध घोषित करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
साभार : दैनिक भास्कर
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