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दुनिया में संघर्ष के पीछे अपने और पराए की मानसिकता है : नरेंद्र मोदी

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भोपाल. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में भौतिक उन्नति के बीच मानवता के लिए युद्ध, संघर्ष और मानवीय मूल्यों से जुड़ी कई चिंताएं हमारे सामने हैं। इनकी जड़ में क्या है। इनकी जड़ में अपने और पराए की मानसिकता है। ये मानसिकता मानव से मानव को दूर करती है। आज विश्व भी सोच रहा है कि इनका समाधान कहां मिलेगा। इनका समाधान अद्वैत के विचार में मिलेगा। अद्वैत यानी यहां कोई द्वैत नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को मध्यप्रदेश के अशोकनगर के ईसागढ़ स्थित श्री आनंदपुर धाम पहुंचे। यहां उन्होंने परमहंस अद्वैत मत के तीन प्रमुख मंदिरों के दर्शन किए। उन्होंने आनंद सरोवर में पुष्प अर्पित किए। इसके बाद मोती हॉल पहुंचकर परमहंस अद्वैत मत के वर्तमान गुरु से मुलाकात की और फिर सत्संग हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित भी किया। पीएम मोदी के साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद रहे।

अशोकनगर में शोक आने से डरता है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया हो, जहां परमार्थ एक परंपरा बन चुका हो, जहां सेवा के संकल्प मानवता के कल्याण का पथ प्रशस्त करते हों, वो धरती साधारण नहीं है। इसलिए हमारे संतों ने अशोक नगर के बारे में कहा था कि यहां शोक आने से डरता है।

मुश्किलों में ऋषियों ने मार्गदर्शन किया

प्रधानमंत्री ने कहा- हमारा भारत ऋषियों, मनीषियों और संतों की धरती है। जब-जब हमारा भारत, हमारा समाज किसी मुश्किल दौर से गुजरता है, कोई न कोई ऋषि, मनीषी इस धरती पर अवतरित होकर समाज को नई दिशा देता है। हम पूज्य स्वामी अद्वैतानंद महाराज जी के जीवन में भी इसकी झलक देख सकते हैं।

देश में राम वन गमन पथ का विकास कर रहे

एमपी सरकार अभी से ही उज्जैन सिंहस्थ की तैयारी में जुट गई है। हम देश में राम वन गमन पथ का विकास कर रहे हैं। इसका अहम हिस्सा एमपी से होकर गुजरेगा। एमपी पहले से ही अजब और गजब है। इन कार्यों से उसकी पहचान और मजबूत होगी। संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करना है पीएम मोदी ने कहा- 2047 तक विकसित भारत बनने का लक्ष्य तय किया है। हमें विश्वास है, इसे हासिल करेंगे। विकास की दौड़ में कई देश अपनी संस्कृति से कट गए, अपनी परंपराएं भुला दी। भारत में हमें इन्हें संरक्षित करके रखना है। हमारी संस्कृति हमारे सामर्थ्य को मजबूत करती है।

एमपी, अशोकनगर में विकास की गति को बढ़ा रहे

पीएम मोदी ने कहा- अशोकनगर और आनंदपुर धाम जैसे क्षेत्र जिन्होंने देश को इतना कुछ दिया है। इनका विकास भी हमारी जिम्मेदारी है। इस क्षेत्र को कला संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का वरदान प्राप्त है। यहां विकास और विरासत की असीम संभावनाएं है। इसलिए हम एमपी और अशोकनगर में विकास की गति को बढ़ा रहे हैं।

सेवा की भावना सरकार की नीति भी, निष्ठा भी

गरीब और वंचित के उत्थान का संकल्प, सबका साथ सबका विकास का मंत्र, सेवा की भावना सरकार की नीति है। निष्ठा भी है। सेवा की भावना हमारे व्यक्तित्व को भी निखारती है। सेवा हमें व्यक्तिगत दायरे से निकालकर मानवता के बड़े उद्देश्य से जोड़ती है। सेवा एक साधना है, एक ऐसी गंगा है, जिसमें हर व्यक्ति को डुबकी लगानी चाहिए।

साभार : दैनिक भास्कर

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