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जम्मू-कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता मंजूर नहीं, पाकिस्तान खाली करे पीओके : भारतीय विदेश मंत्रालय

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नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान सीजफायर के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से आज (13 मई) प्रेस कॉनफ्रेंस किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और गुलाम कश्मीर को लेकर भारत की नीति स्पष्ट है कि इस मुद्दे को दोनों देश मिलकर सुलझाएंगे। किसी भी तीसरे देश के दखल की जरूरत नहीं है।

गुलाम कश्मीर को खाली करे पाकिस्तान: रणधीर जायसवाल

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा। इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। लंबित मामला पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र (गुलाम कश्मीर) को खाली करना है।

भारत-अमेरिका के बीच किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्यापार पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई। इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।” ट्रंप की मध्यस्थता के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा,“हमारा लम्बे अरसे से यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जैसा कि आप जानते हैं, लंबित मामला केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है।

पाकिस्तान को अच्छी तरह से सबक सिखाया गया: विदेश मंत्रालय

ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद किए सैन्य कार्रवाई पर बोलते हुए रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को अच्छी तरह से सबक सिखाया गया है। सीजफायर के बाद भी सिंधु समझौते को सस्पेंड रखा गया है।

‘हार के बाद भी जश्न मनाता है पाकिस्तान’

रणधीर जायसवाल ने आगे बताया कि सैन्य कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के एयरबेस तबाह हो गए। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो हारने के बाद भी जश्न मनाने का ड्रामा करता है। विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि सीजफायर समझौते में ट्रे़ड का जिक्र नहीं है। पाकिस्तान के पहल पर ही डीजीएमओ की बातचीत हुई।  वहीं, भारत किसी भी हाल में पाकिस्तान की ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं करेगा। रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की आदत रही है कि हार के बाद भी वो जीत का दावा करता है। उसने 1971, 1975 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी ऐसा ही किया था। ढोल बजाने का पाकिस्तान का पुराना रवैय्या है। परस्त हो जाए लेकिन ढोल बजाओ।”

अवामी लीग को बैन करना चिंता का विषय: विदेश मंत्रालय

वहीं, उनसे जब पूछा गया कि क्या भारत-पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई के दौरान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की  पार्टी आवामी लीग को बैन कर दिया गया था, इस पर भारत का क्या रुख है। इस सवाल का जवाब देते हुए रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश में अवामी लीग पर उचित प्रक्रिया के बिना प्रतिबंध लगाया जाना चिंताजनक है। एक लोकतंत्र के रूप में भारत स्वाभाविक रूप से लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं में कटौती और राजनीतिक स्थान के सिकुड़ने से चिंतित है। हम बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव जल्द से जल्द कराने का पुरजोर समर्थन करते हैं।

साभार : दैनिक जागरण

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