क्वेटा. बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए ने बलूचिस्तान में 6 पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली है। बीएलए ने अपने बयान में कहा कि इन झड़पों में उसके तीन लड़ाके भी मारे गए। ये झड़पें क्वेटा, कलात और सियाजी में हुई थी। बीएलए के लड़ाके आईईडी और मोटरसाइकिलों से हमला करने की रणनीति अपना रहे हैं। इन लड़ाकों ने पाकिस्तानी सैन्य काफियों को निशाना बनाया। 22 जून को क्वेटा में बीएलए और पाकिस्तानी सैनिकों का आमना-सामना हुआ, जिसके बाद सशस्त्र झड़प भी हुई थी।
पाकिस्तान पर लगता है दमन का आरोप
इसके पहले 20 जून को भी बीएलए ने लिंगासी में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर फायरिंग की थी। बता दें कि बीएलए बलूचिस्तान में एक एक्टिव सशस्त्र अलगाववादी गुट है। ये गुट लंबे वक्त से पाकिस्तान सरकार और सेना पर दमन का आरोप लगाता रहा है और स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग करता रहा है। पाकिस्तान पर कई बार ये आरोप लगा है कि वह बलूचिस्तान की आबादी को लाभ पहुंचाए बिना ही क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों- गैस, खनिज आदि का दोहन करता है। बीएलए ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का भी विरोध किया है। ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर हमेशा चिंता जताई है। पाकिस्तानी सेना पर बलूच कार्यकर्ताओं, छात्रों और पत्रकारों की हत्या का आरोप लगता है।
साभार : दैनिक जागरण
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