इस्लामाबाद. पहली मिस यूनिवर्स पाकिस्तान कराची की एरिका रॉबिन बनी हैं। उनकी इस कामयाबी को लेकर विवाद मच गया है। पाकिस्तान में कुछ लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर आज से पहले जब ऐसा इवेंट नहीं हुआ तो अब क्यों पाकिस्तानी महिलाओं का दुनिया में प्रदर्शन किया जा रहा है। अधिकार एक्टिविस्ट जोहरा युसुफ का इस पर कहना है कि जब भी पाकिस्तान में कोई महिला अपने दम पर आगे बढ़ती हैं तो उसपर हमला होता है। मिस यूनिवर्स पाकिस्तान मालदीव में कराया गया।
दुबई की युजेन ग्रुप ने इस क्रायक्रम को कराया, जिसमें पांच प्रतियोगी शामिल हुए। कंपनी के पास पाकिस्तान के साथ-साथ बहरीन और मिस्र के मिस यूनिवर्स की फ्रेंचायजी भी है। गुरुवार को एरिका को मिस यूनिवर्स पाकिस्तान का ताज पहनाया गया। मिस यूनिवर्स में अब वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगी, जो अल सल्वाडोर में होगा। कई लोग जहां एरिका रॉबिन के उपलब्धि की प्रशंसा कर रहे हैं, तो पाकिस्तान का एक बड़ा रूढ़ीवादी वर्ग गुस्से में हैं।
भड़के पाकिस्तान के कट्टरपंथी
पाकिस्तान के धार्मिक विद्वान तकी उस्मानी उन पहले लोगों में से थे, जिन्होंने कहा कि सरकार इस मामले का नोटिस ले और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि इस धारणा को दूर किया जाना चाहिए कि महिलाएं पाकिस्तान की प्रतिनिधि हैं। जमात ए इस्लामी के सांसद मुश्ताक अहमद खान ने इसे पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बताया। पत्रकार अंसार अब्बासी ने पूछा कि आखिर पाकिस्तान के किस अधिकारी ने इन महिलाओं को ब्यूटी प्रतियोगिता में शामिल होने की मंजूरी दी।
सोशल मीडिया पर मिल रही बधाई
हालांकि सोशल मीडिया एरिका के लिए बधाइयों से भरा रहा। पत्रकार मरियाना बाबर ने लिखा, ‘पाकिस्तान सभी पाकिस्तानियों का है। वह जहां भी रहें पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कभी भी कर सकते हैं।’ एरिका रॉबिन ने कहा कि अब उनके कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। देश का नाम रोशन करने के लिए वह कुछ भी करेंगी। उन्होंने कहा कि जीतने से ज्यादा पाकिस्तान का प्रतिनिधि करने की खुशी होगी। कई लोगों ने कहा कि एरिका की बुराई करने वाले ज्यादातर पुरुष हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं