जम्मू. जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। उन्होंने उत्तरी कश्मीर के मच्छल (कुपवाड़ा) सेक्टर में घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया है। दहशतगर्दों के नापक मंसूबों को विफल करते हुए सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों (Two Terrorist Killed) को मार गिराया। वहीं, उसके अन्य साथियों की धरपकड़ के लिए सैन्य अभियान जारी है।
भारतीय सीमा में दाखिल हो रहे थे आतंकी
जानकारी के मुताबिक, कुपवाड़ा में मारे गए घुसपैठियों के पास से दो एसाल्ट राइफल, चार मैगजीन, 90 कारतूस, एक पिस्टल और पाकिस्तान मुद्रा में 2100 रुपए मिले हैं। यहां मिली जानकारी अनुसार, जिला कु़पवाड़ा के अंतर्गत मच्छल सेक्टर में एलओसी के साथ सटे कुमकारी हयहामा इलाके में गश्त रहे जवानों ने आज तड़के गुलाम जम्मू कश्मीर (POK) की तरफ से घुसपैठियों के एक दल को भारतीय इलाके की तरफ आते देखा।
जवानों और आतंकियों में हुई मुठभेड़
जवानों ने उसी समय आस पास की चौकियों व नाका पार्टियों को सचेत करते हुए अपनी पोजीश ली। स्वचालित हथियारों से लैस घुसपैठिए आगे आए। जवानों ने उन्हें ललकारते हुए आत्मसमर्पण के लिए कहा। जवानों की ललकार सुनते ही घुसपैठियों ने फायरिंग शुरू कर दी और वापस गुलाम जम्मू कश्मीर की तरफ भागने लगे। जवानों ने भी जवाबी फायर किया। इसके साथ ही वहां मुठभेड़ (Encounter) शुरू हो गई।
मुठभेड़स्थल से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद बरामद
संबधित सूत्रों ने बताया कि दो घुसपैठिए मारे गए हैं। मुठभेड़स्थल से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद व अन्य साजो सामान जब्त किया गया है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मच्छल में आतंकरोधी अभियान जारी है। दो आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। अभियान के समाप्त होने के बाद ही मारे गए आतंकियों की सही संख्या और उनकी पहचान का पता चल सकेगा।
त्राल में दो आतंकी ठिकाने नष्ट
सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में पुलवामा के त्राल में दो आतंकी ठिकानों (Two terrorist hideouts destroyed) को नष्ट कर दिया। पुलिस और सेना की 42 आरआर के एक संयुक्त कार्यदल ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में दो आतंकी ठिकानों को नष्ट करने का दावा किया है। संबधित अधिकारियों ने बताया कि यह दोनों ठिकाने त्राल के ऊपरी हिस्से में गुलशपोना के साथ सटे नागबल जंगल में थे।
जंगल में जमीन खोदकर आतंकियों ने तैयार किया ठिकाना
यह दोनों ठिकाने जंगल में जमीन खोदकर तैयार किए गए थे और इनके ऊपर लकड़ियां व घासफूस बिछाई गई थी, ताकि किसी को इनके बारे में पता न चले। इन ठिकानों से कंबल, कुछ खाने पाने का सामान मिला है। सूत्रों ने बताया कि यह दोनों ठिकाने काफी पुराने हैं और इन्हें कथित तौर पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने तैयार किया था।
साभार : दैनिक जागरण
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं